राजस्थान में ऑर्गन ट्रांसप्लांट मामले ने पकड़ा तूल, एडिशनल डीसीपी करेंगे मामले की जांच
जयपुर न्यूज़ डेस्क, फर्जी एनओसी से ऑर्गन ट्रांसप्लांट करने वाले प्रकरण की जांच के लिए राज्य सरकार ने प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया है। सरकार ने नोटिफिकेशन जारी करके एडिशनल डीसीपी क्राइम को जांच सौंपी है। यह जांच पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ की निगरानी में होगी। चिकित्सा शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि मानव अंग प्रत्यारोपण के लिए फर्जी एनओसी प्रकरण सामने आने के बाद प्रभावी जांच की दृष्टि से विधिक राय ली गई थी। बाद में इस प्रकरण की गंभीरता और आपराधिक दृष्टि से जुड़े सभी पक्षों की गहन जांच का फैसला लिया गया।
अब तक 10 आरोपी गिरफ्तार
फर्जी एनओसी से अंग प्रत्यारोपण के मामले में एसीबी अब तक 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें फर्जी एनओसी बनाने वाले रिसीवर और डोनर को लाने वाले दलाल शामिल है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में सवाई मानसिंह अस्पताल का सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह, फोर्टिस अस्पताल का विनोद सिंह, गिरिराज शर्मा, ईएचसीसी हॉस्पिटल का अनिल जोशी, बांग्लादेशी नागरिक नूरूल इस्लाम, मेहंदी हसन शमीम, मोहम्मद अहसानुल, मोहम्मद आजाद हुसैन, सुमन जाना और सुखमय नंदी शामिल है।
नए प्रिंसिपल और अधीक्षक की नियुक्ति
फर्जी एनओसी प्रकरण में लापरवाही मानते हुए राज्य सरकार ने सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजीव बगरहट्टा और एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा से ईस्तीफा ले लिया। मंगलवार को राज्य सरकार ने सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. दीपक माहेश्वरी को SMS मेडिकल कॉलेज के कार्यवाहक प्रिंसिपल नियुक्त किया है। साथ ही डॉ. सुशील भाटी को एसएमएस अस्पताल का कार्यवाहक अधीक्षक बनाया है। डॉ. दीपक माहेश्वरी वर्तमान में एसएमएस मेडिकल कॉलेज में कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट में सीनियर प्रोफेसर हैं। जबकि डॉ. सुशील भाटी एनेस्थीसिया डिपार्टमेंट के सीनियर प्रोफेसर और एचओडी हैं।