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अब नहीं होगा ट्रैफिक रूल्स से खिलवाड़! जयपुर लागू हुआ ई-डिटेक्टिंग सिस्टम फौरन कटेगा चलान, जाने कैसे काम करती है प्रणाली

 
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प्रदेश में सड़क सुरक्षा एवं यातायात नियमों के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु एक महत्वपूर्ण तकनीकी पहल की गई है। उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने सोमवार को परिवहन विभाग द्वारा विकसित ई-डिटेक्शन एप्लीकेशन एवं हाइपोथेकेशन रिमूवल मॉड्यूल का औपचारिक शुभारंभ किया।

उन्होंने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम, यातायात नियमों के अनुपालन एवं आमजन की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ई-डिटेक्शन सिस्टम को प्रदेश भर में लागू किया जा रहा है। इस तकनीक के माध्यम से प्रदेश के टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहनों की स्वचालित निगरानी की जाएगी। यदि किसी वाहन के दस्तावेज वैध नहीं पाए जाते हैं, तो उसके विरुद्ध स्वतः ही चालान जारी हो जाएगा।उल्लेखनीय है कि प्रथम चरण में यह प्रणाली परिवहन श्रेणी के वाहनों पर लागू की गई है, बाद में गैर-परिवहन वाहनों को भी इसमें शामिल किया जाएगा। वर्तमान में NHAI के 145 टोल प्लाजा और MoRTH के 13 टोल प्लाजा इस प्रणाली से जुड़ चुके हैं।

बैरवा ने यह भी बताया कि हाइपोथेकेशन रिमूवल मॉड्यूल के माध्यम से वाहन मालिक अब घर बैठे ही ऋण चुकाने के बाद अपने वाहन का हाइपोथेकेशन हटाने की प्रक्रिया पूरी कर सकेंगे। इससे फर्जी हाइपोथेकेशन हटाने की घटनाओं पर भी अंकुश लगेगा। वाहन मालिकों को अब बैंक से प्राप्त एनओसी को ऑनलाइन अपलोड करने की सुविधा मिलेगी।उन्होंने आशा व्यक्त की कि इन डिजिटल पहलों से यातायात क्षेत्र में पारदर्शिता, त्वरित कार्रवाई और नागरिक सुविधा में उल्लेखनीय सुधार आएगा।