बीसलपुर बांध से आई राहत की खबर! सीजन में पहली बार रिकॉर्ड जलस्तर, छलकने से बस चंद कदम दूर है बांध
जयपुर की लाइफलाइन बीसलपुर बांध से 4 दिन बाद फिर अच्छी खबर आई है। बांध के जलग्रहण क्षेत्र में पिछले 24 घंटे में हुई मूसलाधार बारिश से बांध के जलस्तर में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है। पिछले 15 दिन में बांध के जलस्तर में अब तक 19 सेमी की बढ़ोतरी हो चुकी है। यानी बढ़े जलस्तर से इस बार मानसून ने जयपुर, अजमेर और टोंक जिलों को करीब एक महीने तक पानी की आपूर्ति करने लायक पानी का इंतजाम कर दिया है। जून में पहली बार बांध में आया पानी बीसलपुर बांध के जलग्रहण क्षेत्र में मानसून के आने के बाद से इस बार जोरदार बारिश हुई है, जिससे बांध निर्माण के बाद से जून माह में पहली बार बांध के जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। हालांकि पिछले 4 दिन से पानी की आवक बंद होने से बांध का जलस्तर स्थिर बना हुआ था, लेकिन अब फिर से आवक शुरू हो गई है।
सीजन में पहली बार पानी की भारी आवक
इस सीजन में पहली बार बीसलपुर बांध का जलस्तर 8 सेमी बढ़ने के साथ ही जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि इस बार भी बांध छलकेगा। मानसून सक्रिय होने के बाद पहली बार 24 घंटे में बांध का जलस्तर 8 सेमी बढ़कर 312.64 आरएल मीटर हो गया है। गौरतलब है कि मंगलवार सुबह बांध का जलस्तर 312.56 आरएल मीटर दर्ज किया गया था।
त्रिवेणी संगम में बहाव दो मीटर से अधिक
बांध में पानी की आवक त्रिवेणी से होती है। पिछले 24 घंटे में बांध क्षेत्र में 70 मिमी बारिश हुई, जबकि भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ जिलों में भी भारी बारिश हुई और अब त्रिवेणी संगम में पानी का बहाव दो मीटर से बढ़कर 2.40 मीटर हो गया है।
तो अब 8वीं बार छलकेगा बांध
जयपुर की लाइफलाइन बीसलपुर बांध अपने निर्माण के बाद से अब तक सात बार छलक चुका है। पिछले साल भी बांध में जमकर पानी भरा था। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस बार भी जुलाई में बांध में पानी की बंपर आवक के चलते बांध के 8वीं बार छलकने की उम्मीद है। हालांकि बांध अभी भी अपनी पूरी भराव क्षमता से 2.86 मीटर दूर है। फैक्ट फाइल बीसलपुर बांध परियोजना
- बांध की आधारशिला 1985 में रखी गई थी
- बांध का निर्माण 1987 में शुरू हुआ
- बांध 1996 में बनकर तैयार हुआ
- लागत 832 करोड़ रुपये आई
- जल भराव क्षमता 315.50 आरएल मीटर, कुल जल भराव क्षमता 38.708 टीएमसी पानी भरा
- बांध अब तक सात बार ओवरफ्लो हो चुका
- निर्माण के बाद पहली बार 2004 में गेट खोले गए
- बांध दूसरी बार 2006 में ओवरफ्लो हुआ
- तीसरी बार 2014 में गेट खोले गए
- 2016 में भी बांध के गेट खोले गए
- 2019 में बांध के 17 गेट खोले गए
- 2022 में भी बांध ओवरफ्लो हुआ
- 2024 में इस बार सातवीं बार बांध ओवरफ्लो हुआ
