रामदेवरा से पोकरण तक नई रेल लाइन को मिली मंजूरी, वीडियो में देखें यात्रा में बचेंगे 45 मिनट

राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित प्रसिद्ध धार्मिक स्थल रामदेवरा में श्रद्धालुओं और क्षेत्रीय रेल यात्रियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रामदेवरा से पोकरण तक नई रेल लाइन को मंजूरी देने की घोषणा की है। इस घोषणा को न केवल धार्मिक श्रद्धालुओं, बल्कि जैसलमेर क्षेत्र के विकास की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
रेल मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रस्तावित रेल लाइन कैलाश टेकरी और भैरव गुफा जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों को जोड़ते हुए गुजरेगी। इससे इन स्थलों तक श्रद्धालुओं की आसान पहुंच सुनिश्चित होगी और यात्रा सुगम, सुलभ और सुरक्षित बन सकेगी।
अश्विनी वैष्णव ने कहा, "रामदेवरा केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। यहां हर साल दूर-दूर से लोग दर्शन करने आते हैं। नई रेल लाइन से न केवल उनकी यात्रा आसान होगी, बल्कि क्षेत्रीय विकास, पर्यटन और रोजगार के नए रास्ते भी खुलेंगे।"
इस परियोजना को लेकर स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों में उत्साह देखा जा रहा है। रामदेवरा और आसपास के ग्रामीणों ने सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि लंबे समय से इस क्षेत्र के लोग बेहतर रेल सुविधा की मांग कर रहे थे, जो अब पूरी होती दिखाई दे रही है।
पर्यटन से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि यह रेल लाइन धार्मिक पर्यटन को नई ऊंचाई देगी। हर वर्ष भादवा मेले के दौरान रामदेवरा में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं, लेकिन सीमित ट्रेनों और अव्यवस्थित यातायात के कारण उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। यह नई रेल लाइन उस समस्या को काफी हद तक कम करेगी।
इसके अलावा, रेल लाइन के कारण लोकल व्यापार, होटल उद्योग और परिवहन जैसे क्षेत्रों में भी तेजी से विकास की उम्मीद है। पोकरण को जैसलमेर और रामदेवरा से सीधे जोड़ने वाली यह परियोजना सामरिक दृष्टि से भी अहम मानी जा रही है।
रेल मंत्रालय के अनुसार, परियोजना का सर्वे जल्द शुरू किया जाएगा और चरणबद्ध तरीके से निर्माण कार्य को आगे बढ़ाया जाएगा। बजट और तकनीकी मंजूरियों के बाद इसके निर्माण की समय-सीमा घोषित की जाएगी।
रेल मंत्री की इस घोषणा ने रामदेवरा क्षेत्रवासियों को एक महत्वपूर्ण तोहफा दिया है, जिससे धार्मिक आस्था और क्षेत्रीय विकास दोनों को बल मिलेगा। यह कदम राजस्थान के पश्चिमी हिस्से में रेलवे नेटवर्क के विस्तार की दिशा में एक नई शुरुआत भी मानी जा रही है।