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Jaipur प्री-डीएलएड परीक्षा को लेकर शिक्षा मंत्री के निर्देश पर हुई नई पहल, जानें

 
Jaipur प्री-डीएलएड परीक्षा को लेकर शिक्षा मंत्री के निर्देश पर हुई नई पहल, जानें 

जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय (वीएमओयू) कोटा की ओर से आयोजित की जाने वाली प्री डीएलएड-2024 में प्रश्न पत्र को लेकर बड़ा बदलाव करने की तैयारी है। अब हिंदी और अंग्रेजी के पेपर अलग अलग छपवाएं जाएंगे। शिक्षामंत्री मदन दिलावर के निर्देश पर वीएमओयू ने इस बदलाव पर कवायद प्रारंभ कर दी है। दोनों भाषाओं के पेपर अलग अलग छपवाने के खर्चे में कमी आएगी और प्रश्न पत्र मे पृष्ठ संख्या कम होने से कागज की भी बचत होगी। सरकार ने इस बार प्री डीएलएड के लिए वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा को नोडल एजेंसी नियुक्त किया है।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कैलाश सोडाणी ने इस संदर्भ में बताया कि शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के निर्देशानुसार इस वर्ष प्री-डीएलएड परीक्षा के प्रश्न पत्र हिंदी एवं अंग्रेजी भाषा में अलग-अलग छपाए जाएंगे। प्रतिवर्ष इस परीक्षा से एक ही प्रश्न पत्र में हिंदी एवं अंग्रेजी दोनों भाषाएं होती थी। इसमें करीब 32 से 40 पेज होते थे। पिछले साल इस परीक्षा में लगभग 6 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे।

अंग्रेजी माध्यम के मात्र पांच प्रतिशत अभ्यर्थी होते हैं शामिल

अंग्रेजी माध्यम के अभ्यर्थी महज 5% थे। इसलिए इन प्रश्न पत्रों का दोनो भाषाओं मे छपवाना उचित नही है। आवेदन के समय ही अभ्यर्थियों से उनकी च्वाइस ले ली जाएगी कि वे हिंदी का पेपर चाहते हैं या अंग्रेजी का। पेपर अंग्रेजी एवं हिंदी मे अलग अलग छपवाकर मंगाए जाएंगे।पेपर अलग अलग होने से 32 से 40 पेज की बजाय यह पेपर महज 16 से 20 पेज का रह जाएगा।

32 से 40 पेज की जगह 16 से 20 पेज का हाेगा पूरा पेपर

दोनों भाषाओं के पेपर अलग अलग होने से 32 से 40 पेज की बजाय यह पेपर महज 16 से 20 पेज का रह जाएगा। इस निर्णय से प्रदेश की लगभग सभी परीक्षाओं में दोनों भाषाओं में प्रश्न पत्र छपने की लागत में परिवर्तन आएगा। वहीं परीक्षा एजेंसी के धन की बचत हो पाएगी। छात्रों के लिए परीक्षा देने में सहजता रहेगी।

14 मई तक आए 32 हजार आवेदन, इंग्लिश लैंग्वेज केे 1067 उम्मीदवार

इस साल प्री डीएलएड की जिम्मेदारी वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा को सौंपी गई है। प्री डीएलएड के लिए आवेदन की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। इसके लिए 14 मई तक कुल 31925 आवेदन आए। इनमें से अंग्रेजी माध्यम के महज 1067 ( 3.34%) अभ्यर्थी और हिंदी माध्यम की च्वाइस भरने वाले 30858 (96.66%) अभ्यर्थी है। इस साल अंग्रेजी माध्यम के छात्र कम होने के कारण यह निर्णय लिया गया है।