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29 साल पुराने बम ब्लास्ट केस में सुप्रीम कोर्ट में अब शुरू हुई सुनवाई, इन अपराधियों को अदालत की ओर से जारी हुए नोटिस

 
29 साल पुराने बम ब्लास्ट केस में सुप्रीम कोर्ट में अब शुरू हुई सुनवाई, इन अपराधियों को अदालत की ओर से जारी हुए नोटिस 

जयपुर न्यूज़ डेस्क- समलेटी बम विस्फोट मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में शुरू हो गई है। बिना वकील के आरोपियों को नोटिस जारी किया गया है। 22 मई 1996 को राजस्थान के समलेटी गांव के पास नेशनल हाईवे-11 पर एक बस में बम विस्फोट हुआ था। इस विस्फोट में 14 लोगों की मौत हो गई थी और 37 लोग घायल हुए थे। मामले की सुनवाई जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संजय करोल और जस्टिस संदीप मेहता की तीन जजों की बेंच ने की। कोर्ट की ओर से आरोपियों को नोटिस जारी किए गए, ताकि उन्हें सुनवाई की जानकारी मिल सके।

फैसले को चुनौती देने कोर्ट पहुंचे आरोपी
इस मामले में राजस्थान सरकार की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल राजा ठाकरे और शिव मंगल शर्मा ने पैरवी की। वहीं आरोपियों की ओर से अपना पक्ष रखने के लिए वरिष्ठ वकील कामिनी जायसवाल और अन्य वकील मौजूद रहे। मामले में आरोपी अब्दुल हमीद को ट्रायल कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी, जिसे हाईकोर्ट ने बरकरार रखा था। इसके बाद आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी।

इन आरोपियों को बरी करने के फैसले को सरकार ने दी चुनौती
जावेद खान, अब्दुल गोनी, लतीफ अहमद बाजा, मिर्जा निसार हुसैन, मोहम्मद अली भट, पप्पू और रईस बेग को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। आरोपियों द्वारा फैसले को चुनौती दिए जाने के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में है। जबकि फारूक अहमद और चंद्र प्रकाश अग्रवाल को बरी किए जाने के बाद सरकार ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

इन आरोपियों को जारी किए गए नोटिस
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि 3 आरोपियों लतीफ अहमद बाजा, मिर्जा निसार हुसैन और मोहम्मद अली को वकील नहीं मिला है। कोर्ट ने राजस्थान सरकार को निर्देश दिया कि वह इन आरोपियों को एक सप्ताह के भीतर नोटिस जारी कर उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करे। इसके अलावा कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि आरोपियों को 'दस्ती नोटिस' (व्यक्तिगत रूप से सूचना देने का आदेश) दिया जाए ताकि उन्हें सुनवाई की जानकारी मिल सके।