पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए नीरज का अंतिम संस्कार आज, वीडियो में देखें सीएम ने कहा- खून के एक-एक कतरे का हिसाब लिया जाएगा
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में जयपुर निवासी चार्टर्ड अकाउंटेंट नीरज उधवानी की दुखद मौत ने पूरे राजस्थान को झकझोर कर रख दिया है। आतंकियों ने इस कायराना हमले को तब अंजाम दिया जब नीरज अपनी पत्नी आयुषी के साथ पहलगाम घूमने गए थे। हमले की विभीषिका और नीरज की दर्दनाक मौत की खबर जैसे ही जयपुर पहुंची, पूरे शहर में शोक और गुस्से की लहर दौड़ गई।
नीरज उधवानी, जो कि जयपुर के प्रतिष्ठित सीए थे, अपनी पत्नी आयुषी के साथ एक निजी यात्रा पर जम्मू-कश्मीर गए हुए थे। पहलगाम के एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल पर घूमते समय अचानक आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आतंकियों ने बेहद नजदीक से नीरज को निशाना बनाते हुए गोली मारी, और यह सब उनकी पत्नी आयुषी के सामने हुआ। वह इस दर्दनाक दृश्य को देखते हुए स्तब्ध रह गईं।
हमले के तुरंत बाद स्थानीय प्रशासन और सुरक्षाबलों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला और घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती करवाया। लेकिन नीरज को बचाया नहीं जा सका। उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी।
नीरज का पार्थिव शरीर बुधवार रात इंडिगो की फ्लाइट से जयपुर लाया गया। एयरपोर्ट पर भारी संख्या में परिजन, मित्र और आम नागरिक उपस्थित रहे। जैसे ही तिरंगे में लिपटा शव विमान से उतारा गया, माहौल गमगीन हो गया। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था, वहीं आसपास मौजूद लोगों ने 'शहीद नीरज अमर रहें' और 'आतंकवाद मुर्दाबाद' के नारे लगाकर अपना आक्रोश भी जताया।
गुरुवार को नीरज का अंतिम संस्कार जयपुर में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। शहर के कई प्रमुख सामाजिक संगठनों, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एसोसिएशन और राजनीतिक प्रतिनिधियों ने नीरज को श्रद्धांजलि अर्पित करने की घोषणा की है।
इस हमले ने एक बार फिर घाटी में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आम पर्यटकों तक को निशाना बनाए जाने की यह घटना दर्शाती है कि आतंकियों के मंसूबे कितने खतरनाक हैं। जयपुर में इस घटना को लेकर आमजन में भारी गुस्सा देखा जा रहा है। कई संगठनों ने सरकार से कड़े कदम उठाने और आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की मांग की है।
नीरज उधवानी न सिर्फ अपने परिवार के लिए बल्कि जयपुर के व्यवसायिक समुदाय के लिए भी एक प्रेरणास्रोत थे। उनका असमय जाना एक अपूरणीय क्षति है। उनकी पत्नी आयुषी के साहस और स्थिति में धैर्य बनाए रखने की सराहना की जा रही है, लेकिन जो सदमा उन्होंने देखा है, उसे शब्दों में बयान करना मुश्किल है।
पूरा जयपुर आज एक वीर सपूत को अंतिम विदाई देने को तैयार है — आंखों में आंसू और दिलों में गुस्से के साथ।
