Aapka Rajasthan

'चंबल ने लिया चंडी रूप' चल रही भयंकर उफान पर, धौलपुर-करौली के 60 से ज्यादा गांव में बाढ़ के हालात

'चंबल ने लिया चंडी रूप' चल रही भयंकर उफान पर, धौलपुर-करौली के 60 से ज्यादा गांव में बाढ़ के हालात
 
'चंबल ने लिया चंडी रूप' चल रही भयंकर उफान पर, धौलपुर-करौली के 60 से ज्यादा गांव में बाढ़ के हालात

राजस्थान में इस बार मानसून की मेहरबानी अब लोगों के लिए मुसीबत का सबब बनती जा रही है। प्रदेश के कई जिलों में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते नदियां उफान पर हैं। खासतौर पर धौलपुर और करौली जिले में चंबल नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। नवनेरा और कोटा बैराज से लाखों क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद चंबल का जलस्तर तेजी से बढ़ा है और यह खतरे के निशान को पार कर चुका है।

स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि करीब 60 से अधिक गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। कुछ निचले इलाकों में तो पानी घरों और खेतों तक पहुंच चुका है, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। प्रशासन ने अलर्ट जारी करते हुए प्रभावित क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी है और राहत व बचाव कार्यों की तैयारियां तेज कर दी गई हैं।

प्रभावित इलाकों में कई ग्रामीणों को एहतियातन सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। वहीं, नदी के किनारे बसे गांवों में लोग डर और अनिश्चितता के बीच रातें गुजारने को मजबूर हैं। खेतों में खड़ी फसलें जलमग्न हो गई हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान की आशंका है।

धौलपुर जिला प्रशासन ने बताया कि चंबल नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और यदि अगले 24 घंटे में बारिश नहीं रुकी, तो हालात और भी बिगड़ सकते हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें स्टैंडबाय पर रखी गई हैं। साथ ही स्थानीय प्रशासन ने गांवों में मुनादी कर लोगों को सतर्क रहने और आवश्यक वस्तुएं तैयार रखने की सलाह दी है।

करौली जिले के कई क्षेत्रों में भी हालात चिंताजनक हैं। जिला प्रशासन के मुताबिक, नवनेरा बैराज से छोड़े गए पानी का असर अब गांवों तक पहुंचने लगा है। सरकारी स्कूलों को अस्थायी राहत शिविरों में बदलने की योजना पर काम किया जा रहा है ताकि जरूरत पड़ने पर प्रभावित परिवारों को तत्काल आश्रय मिल सके।

विशेषज्ञों का मानना है कि चंबल नदी का जलस्तर यदि इसी रफ्तार से बढ़ता रहा, तो हालात भयावह हो सकते हैं। फिलहाल मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों तक प्रदेश के पूर्वी हिस्सों में अत्यधिक बारिश की संभावना जताई है, जिससे प्रशासन की चिंता और बढ़ गई है।

राज्य सरकार ने संबंधित जिलों के कलेक्टरों को अलर्ट पर रहने और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव के लिए हरसंभव कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। वहीं मुख्यमंत्री कार्यालय भी हालात पर नजर बनाए हुए है।