राजस्थान में बरसात मानसून पड़ा सुस्त, फुटेज में देखें आज पहली बार खुलेंगे बीसलपुर डैम के गेट
राजस्थान में पिछले कुछ दिनों से जारी मानसूनी बारिश की रफ्तार अब धीमी पड़ती नजर आ रही है। हालांकि राज्य के अधिकांश हिस्सों में अभी भी बादल छाए हुए हैं, लेकिन बारिश की तीव्रता में उल्लेखनीय गिरावट देखी जा रही है। मौसम विभाग ने आगामी दो से तीन दिनों तक इसी तरह के मौसम की भविष्यवाणी की है।
राजस्थान में जुलाई के पहले और दूसरे सप्ताह में भारी बारिश दर्ज की गई थी, जिससे कई जिलों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी और जनजीवन प्रभावित हुआ था। लेकिन अब मौसम में अचानक से आए इस बदलाव ने किसानों और आमजन को थोड़ी राहत दी है, खासकर उन इलाकों में जहां अत्यधिक वर्षा से फसलों को नुकसान पहुंचने की आशंका थी।
मौसम विभाग के अनुसार, मंगलवार को राज्य के केवल चार जिलों — बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ और उदयपुर — में ही बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। जबकि शेष राजस्थान में मौसम शुष्क रहने की संभावना है, हालांकि बादल छाए रहेंगे और कहीं-कहीं बूंदाबांदी हो सकती है।
उधर, बीते सप्ताह हुई झमाझम बारिश का असर अब राज्य के जलाशयों पर भी देखने को मिल रहा है। इसी कड़ी में प्रदेश के सबसे महत्वपूर्ण जल स्रोतों में से एक बीसलपुर डैम में जलस्तर में पर्याप्त वृद्धि के कारण मंगलवार को जुलाई महीने में पहली बार डैम के गेट खोले जाएंगे। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, डैम का जलस्तर करीब 313.50 आरएल मीटर तक पहुंच गया है, जो इसकी अधिकतम सीमा के काफी करीब है। जल स्तर को नियंत्रित रखने और डाउनस्ट्रीम क्षेत्रों में संभावित जलभराव से बचने के लिए गेट खोलने का निर्णय लिया गया है।
बीसलपुर डैम टोंक जिले में स्थित है और यह जयपुर, अजमेर, टोंक सहित कई शहरों की पेयजल आपूर्ति का प्रमुख स्रोत है। डैम के गेट खुलने से नदी तटीय इलाकों में जल प्रवाह बढ़ेगा, जिससे भूजल स्तर में भी वृद्धि की संभावना है। जलदाय विभाग और स्थानीय प्रशासन ने निचले क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर दिया है और लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यदि आगामी दिनों में मानसून दोबारा सक्रिय होता है और अच्छी बारिश होती है, तो बीसलपुर डैम के साथ अन्य जलाशयों में भी भराव की स्थिति मजबूत हो सकती है, जिससे राज्य के जल संकट से जूझ रहे इलाकों को बड़ी राहत मिल सकती है।
फिलहाल मौसम का यह सुस्त रुख किसानों के लिए मिला-जुला संकेत लेकर आया है। जहां एक ओर कुछ इलाकों में राहत मिली है, वहीं दूसरी ओर धान जैसी जल-आधारित फसलों की बुवाई कर चुके किसान अब अच्छी बारिश की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
