14 जून क मध्य प्रदेश में दस्तक देगा मानसून, जानिए मानसून की तपती जमीन पर कब बरसेगी ठंडी बौछार

देश के पूर्वोत्तर राज्यों में पिछले 13 दिनों के बाद दक्षिण-पश्चिम मानसून फिर सक्रिय होने जा रहा है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार 14 जून को बंगाल की खाड़ी में सक्रिय हो रहे परिसंचरण तंत्र के प्रभाव से देश के पूर्वोत्तर इलाकों में मानसून की ट्रफ लाइन ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से गुजरने की संभावना है। माना जा रहा है कि 15 जून से पहले मध्य प्रदेश में मानसून के पहुंचने की प्रबल संभावना है। वहीं, राजस्थान के कई शहरों में मौसम का मिजाज बदलने और भीषण गर्मी से राहत मिलने के आसार हैं।
चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र
मौसम विभाग के अनुसार पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र सक्रिय हो रहा है। चक्रवाती हवा के कारण आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के कई इलाकों में भारी बारिश की संभावना है। 14 जून को उत्तरी बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती हवाओं का एक और क्षेत्र बनने की संभावना है। इससे मानसून आगे बढ़ेगा। चक्रवाती तंत्र के सक्रिय होने से मानसून के फिर सक्रिय होने और बारिश का दौर शुरू होने की संभावना है।
अगले 3 दिन में मध्यप्रदेश में प्रवेश संभव
आमतौर पर मानसून 15 जून तक पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश में प्रवेश कर जाता है। लेकिन बंगाल की खाड़ी में सक्रिय चक्रवाती तंत्र के प्रभाव से अब मानसून देश के उत्तरी भागों की ओर बढ़ेगा। अगले दो-तीन दिन में मानसून बंगाल के पश्चिमी भाग, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के शेष भाग में दस्तक देगा।
राजस्थान में मानसून का इंतजार बढ़ा
इस बार दक्षिण-पश्चिम मानसून के तय तिथि 25 जून से पहले राजस्थान में प्रवेश करने का पूर्वानुमान था। लेकिन देश के पूर्वोत्तर राज्यों में मानसून ठहरा रहा, जिसके कारण मध्यप्रदेश, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ में भी मानसून का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। बंगाल की खाड़ी में सक्रिय चक्रवाती हवाओं के कारण मानसून फिर सक्रिय हो रहा है और मध्यप्रदेश में प्रवेश करने के बाद मानसून राजस्थान की ओर बढ़ेगा। ऐसे में 20 जून के बाद ही प्रदेश में मानसून के दस्तक देने की संभावना है।
15 जून से प्री-मानसून बारिश
बंगाल की खाड़ी में सक्रिय चक्रवाती तंत्र के प्रभाव से 15 जून से प्रदेश के दक्षिण-पश्चिमी भागों में प्री-मानसून बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने हवा के रुख में संभावित बदलाव के कारण प्रदेश में पड़ रही भीषण गर्मी से आंशिक राहत मिलने की संभावना जताई है। वहीं, 16 जून तक प्रदेश के उत्तर-पूर्व के कुछ भागों में लू चलने की संभावना है।