सिर्फ 34 दिन की उम्र में हुई थी शादी, 19 साल बाद न्यायालय ने दिलाई आज़ादी
राजस्थान की एक मासूम लड़की सोनिया आखिरकार बाल विवाह की बेड़ियों से आज़ाद हो गई है। 2005 में जब वह सिर्फ़ 34 दिन की थी, तब उसकी शादी हुई थी। अब 19 साल बाद जोधपुर फ़ैमिली कोर्ट ने शादी रद्द कर दी है। यह सारथी ट्रस्ट की हेड डॉ. कृति भारती की कोशिशों से मुमकिन हुआ है। सोनिया और उसका परिवार बहुत खुश है। डॉ. कृति अब तक ऐसे 53 बाल विवाह रद्द करा चुकी हैं, जो एक अनोखा रिकॉर्ड है।
गांव के इलाके में शादी
सोनिया की शादी जोधपुर ज़िले के एक गांव में बचपन में ही हो गई थी। 2022 में, दूसरी रस्म के बाद उसे ससुराल भेज दिया गया, लेकिन वहां बुरे बर्ताव की वजह से उसे अपने पिता के घर लौटने पर मजबूर होना पड़ा। इसी दर्द के बीच उसे डॉ. कृति भारती की बाल विवाह के ख़िलाफ़ मुहिम के बारे में पता चला। बच्चों और महिलाओं के अधिकारों की हिमायती डॉ. कृति की मदद से सोनिया ने हिम्मत जुटाई और कोर्ट में केस किया।
काउंसलिंग से बनी सहमति, पांच महीने में मिली आज़ादी
डॉ. कृति ने दोनों पार्टियों से बात की और काउंसलिंग के ज़रिए सभी बाल विवाह कैंसिल करने पर राज़ी हो गए। दूल्हे के वकील प्रकाश विश्नोई ने भी पॉज़िटिव रुख अपनाया। डॉ. कृति ने कोर्ट में सारे सबूत और डॉक्यूमेंट्स पेश किए। फैमिली कोर्ट नंबर 1 के जज सतीश चंद्र गोदारा ने सुनवाई के बाद फ़ैसला सुनाया। सोनिया को सिर्फ़ पांच महीने में आज़ादी मिल गई।
कोर्ट का कड़ा संदेश: बाल विवाह एक जुर्म है
फ़ैसला सुनाते हुए जज गोदारा ने कहा कि बाल विवाह कानूनन जुर्म है। इससे बच्चों का बचपन, पढ़ाई और सेहत छीन ली जाती है। ऐसी बुराइयों को खत्म करने के लिए सभी को आगे आना चाहिए। उन्होंने डॉ. कृति के हिम्मत वाले कैंपेन की भी तारीफ़ की।
2,200 शादियां रुकवाईं, कई सम्मान मिले
डॉ. कृति देश की पहली इंसान थीं जिन्होंने बाल विवाह कैंसिल करवाए। अब तक, उन्होंने 53 जोड़ों को आज़ाद करवाया है और 2,200 से ज़्यादा बाल विवाह रुकवाए हैं। उनका कैंपेन वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, इंडिया एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स और लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स में दर्ज है। CBSE ने इसे क्लास 11 के सिलेबस में शामिल किया है। उन्हें कई नेशनल और इंटरनेशनल सम्मान मिल चुके हैं, जिनमें टैफेड मैगज़ीन की दुनिया की टॉप 10 एक्टिविस्ट, BBC की 100 सबसे प्रभावशाली महिलाओं की लिस्ट और मारवाड़-मेवाड़ रत्न शामिल हैं।
अब पढ़ाई-लिखाई से अपनी ज़िंदगी सुधारूंगी
सोनिया ने कहा कि उन्होंने कभी बाल विवाह को स्वीकार नहीं किया। डॉ. कृति दीदी की मदद से उन्होंने यह लड़ाई लड़ी और अब आज़ाद हैं। वह पढ़ाई-लिखाई के ज़रिए बेहतर भविष्य के लिए कोशिश करेंगी। डॉ. कृति इसे अपने कैंपेन की एक और जीत बताती हैं और सोनिया के रिहैबिलिटेशन के लिए काम कर रही हैं। यह कहानी हर लड़की को यह मानने की हिम्मत देती है कि अन्याय के खिलाफ़ बोलने से जीत मिल सकती है।
