Manipur violence: मणिपुर हिंसा में फंसे राजस्थानी छात्रों का सुरक्षित निकालने का सीएम गहलोत ने दिया भरोसा, सरकार ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर
जयपुर न्यूज डेस्क। मणिपुर पिछले काफी दिनों से हिंसा की आग में सुलग रहा है। जातीय हिंसा, आगजनी, तोड़फोड़, लूटपाट, हत्या के हालात बने हुए हैं। इंटरनेट बंद है। उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए जा चुके हैं। हजारों लोग अपना घर-बार छोड़कर पड़ोसी राज्य असम में पलायन कर रहे हैं। ऐसे में राजस्थान के कई छात्रों की मणिपुर में फंसे होने की खबर सामने आई है। छात्रों को गहलोत सरकार से उम्मीद है, वैसे ही जैसे रूस और यूक्रेन युद्ध के दौरान सैकड़ों छात्र यूक्रेन में फंसे थे। आपको बता दें कि जैसे ही राजस्थान सरकार को मणिपुर हिंसा में फंसे राजस्थानी छात्रों की खबर मिली तो गहलोत सराकर ने इस पर चिंता जाहिर करते हुए तुरंत मदद का हाथ बढ़ाया है।
सीएम अशोक गहलोत और राजस्थान फाउंडेशन के सहयोग से हेल्प लाइन नंबर्स जारी किए गए हैं। ताकि जरूरत मंद छात्र संबंधित नंबर्स पर संपर्क कर सकें। यदि आपका भी कोई अपना मणिपुर हिंसा में फंसा हुआ है, तो उसतक राजस्थान सरकार व्दारा जारी किए गए नंबर्स आप साझा कर सकते हैं। साथ ही खुद सूचित कर सकते हैं। ये टोल फ्री नंबर 0141-2229111, 011-23070807, 8306009838 हैं। इस पर आसानी से संपर्क कर सकते हैं। सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट करके फंसे हुए छात्रों को मदद का भरोसा दिलाया है। साथ ही कहा है कि सभी छात्रों कि सकुशल घर वापसी की जाएगी। राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक मणिपुर के उच्च अधिकारियों के संपर्क में हैं।
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मणिपुर हिंसा में राजस्थान के कुछ विद्यार्थियों के फंसे होने का समाचार चिंताजनक है। राजस्थान के मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक वहां के उच्चाधिकारियों के संपर्क में हैं एवं जल्दी ही इन सभी को सुरक्षित बाहर निकालकर सकुशल घर पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) May 6, 2023
बता दे कि मणिपुर की राजधानी इम्फाल से दक्षिण में 63 किमी पर स्थित चुराचंदपुर जिला हिंसा का केंद्र बना हुआ है। केंद्र सरकार लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है। बड़ी तादाद में आर्मी और असम राइफल्स के जवानों को तैनात किया गया है। मणिपुर में हुई जातीय हिंसा के चलते 54 लोगों की मौत हो गई है। अधिकारियों ने बताया कि आधिकारिक मृतक संख्या 54 है, जिनमें से 16 शव चूड़चंदपुर जिला अस्पताल के मोर्चरी में रखे गए हैं, जबकि 15 शव इंफाल पूर्वी जिले के जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान में रखे गए हैं।