जोधपुर में महंगाई के खिलाफ महिला कांग्रेस का प्रदर्शन, वीडियो में देखें सिगड़ी पर बनाई रोटी

घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की कीमत में केंद्र सरकार द्वारा की गई ₹50 की बढ़ोतरी के विरोध में शुक्रवार को जोधपुर में महिला कांग्रेस ने अनोखे तरीके से प्रदर्शन किया। शहर और देहात महिला कांग्रेस की संयुक्त अगुवाई में यह विरोध कलेक्ट्रेट के सामने आयोजित किया गया, जिसमें सिलेंडर की महंगाई को लेकर केंद्र सरकार को जमकर घेरा गया।
प्रदर्शन की अगुवाई पूर्व विधायक एवं शहर जिला महिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष मनीषा पंवार और देहात जिला महिला कांग्रेस अध्यक्ष विजयलक्ष्मी पटेल ने की। इस मौके पर सैकड़ों महिलाओं ने सड़क पर बैठकर सिलेंडर को माला पहनाई और सिगड़ी व देसी चूल्हे पर रोटियां सेंककर सरकार की नीतियों के खिलाफ अपना रोष जाहिर किया।
मनीषा पंवार ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, "एक तरफ महंगाई आसमान छू रही है, और दूसरी ओर मोदी सरकार आम जनता की जेब पर बोझ बढ़ाने में लगी है। रसोई गैस जैसे जरूरी संसाधन को भी आम आदमी की पहुंच से बाहर किया जा रहा है।"
वहीं विजयलक्ष्मी पटेल ने कहा कि यह सरकार केवल उद्योगपतियों की हितैषी बनकर रह गई है। उन्होंने कहा, "घरेलू महिलाओं की पीड़ा को समझना इस सरकार के एजेंडे में नहीं है। आज सिलेंडर को माला पहनाकर हमने ये दिखाया है कि अब ये आम रसोई का हिस्सा नहीं रहा, बल्कि एक 'शोपीस' बनकर रह गया है।"
प्रदर्शन के दौरान महिलाओं ने नारेबाजी करते हुए केंद्र सरकार से तत्काल प्रभाव से गैस सिलेंडर की कीमतें वापस लेने की मांग की। साथ ही चेतावनी दी गई कि अगर महंगाई पर रोक नहीं लगाई गई, तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा।
महिला कांग्रेस की कार्यकर्ताओं ने हाथों में तख्तियां लेकर विरोध दर्ज कराया, जिन पर लिखा था —
“महंगाई की मार, महिलाएं हो रहीं लाचार”,
“रसोई में नहीं आग, सरकार में ही दोष है भाग”,
और “50 रुपए की बढ़ोतरी, जनता की जेब पर चोट भारी”।
इस विरोध प्रदर्शन ने शहरवासियों का भी ध्यान खींचा। कई राहगीर प्रदर्शन स्थल पर रुककर महिलाओं के साथ एकजुटता प्रकट करते नजर आए।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह के जन-असर वाले मुद्दों पर होने वाले प्रदर्शन आगामी चुनावों में सत्ता पक्ष के लिए चुनौती बन सकते हैं, खासकर तब जब महंगाई एक संवेदनशील मुद्दा बना हुआ है।
महिला कांग्रेस का यह प्रदर्शन न केवल विरोध का प्रतीक था, बल्कि यह भी दर्शाता है कि महंगाई के खिलाफ आवाज़ अब घर की रसोई से सड़कों तक पहुँच चुकी है।