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राजस्थान तक पहुंची महादेव बेटिंग एप घोटाले की आंच! जयपुर में कई जगह ED का छापा, जाने अब कहां हो रही कार्रवाई

 
राजस्थान तक पहुंची महादेव बेटिंग एप घोटाले की आंच! जयपुर में कई जगह ED का छापा, जाने अब कहां हो रही कार्रवाई

महादेव सट्टा ऐप मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम जयपुर पहुंच गई है और छापेमारी कर रही है। ईडी की टीम 40 हजार करोड़ रुपये के सट्टा ऐप घोटाले मामले में कार्रवाई कर रही है। ईडी की टीम छत्तीसगढ़ से आई है। दुबई का यह ऐप कई तरह के सट्टा कारोबार से जुड़ा हुआ है। इस मामले में पिछले महीने एजीटीएफ ने जयपुर में कार्रवाई भी की थी। महादेव ऐप से जुड़े सट्टा गिरोह को मानसरोवर इलाके से पकड़ा गया था। इनके कब्जे से लैंड रोवर डिफेंडर और वॉल्वो एक्ससी 60 जैसी कारें भी बरामद हुई थीं। ईडी की टीम जयपुर के सोडाला इलाके में कार्रवाई कर रही है।

छत्तीसगढ़ से शुरू हुए इस सट्टा कारोबार की बागडोर भले ही दुबई में बैठे लोगों के पास थी, लेकिन कारोबार का ज्यादातर पैसा भारत से ही जुटाया जाता था। इस ऐप से जुड़े तारों और खातों को खंगालने के लिए भारतीय एजेंसियां ​​पिछले 2 साल से कड़ी मेहनत कर रही हैं। ऐसे में आपके मन में इस ऐप को लेकर कई सवाल उठ रहे होंगे कि इसका नाम महादेव ऐप क्यों रखा गया और कैसे एक साधारण सट्टे के कारोबार से 6 हजार करोड़ का कारोबार खड़ा हो गया।

इस ऐप को शुरू करने वाले लोगों को भी इतने बड़े कारोबार की उम्मीद नहीं थी, लेकिन जैसा कि पहले भी कई बार कहा जा चुका है कि आपदा में अवसर होते हैं। महादेव ऐप को शुरू करने वालों ने भी कोरोना महामारी जैसी आपदा के बीच एक अवसर देखा। लोग अपने घरों में बंद थे और ज्यादातर समय खाली थे। जाहिर है उन्हें कुछ रोमांचक चाहिए था, जिसमें पैसे भी कमाए जा सकें। इस अवसर का फायदा उठाते हुए ऐप का विस्तार किया गया और जल्द ही इसका ग्राहक आधार 50 लाख से ऊपर चला गया।

ऐप की शुरुआत कैसे हुई
इसकी शुरुआत साल 2016 में छत्तीसगढ़ के 3 साधारण युवाओं सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल और अतुल अग्रवाल ने की थी। शुरुआत में इस ऐप पर ऑनलाइन सट्टा लगाया जाता था, जिसमें क्रिकेट, फुटबॉल, टेनिस, बैडमिंटन जैसे खेलों के साथ पोकर, तीन पत्ती, वर्चुअल गेम और यहां तक ​​कि चुनावी भविष्यवाणी पर भी दांव लगाया जाता था। बाद में यह ऐप जुए की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए बदनाम हो गया। यह ऐप एक जटिल नेटवर्क पर चलता था, जो मुख्य रूप से दुबई से चलाया जाता था और धन शोधन तथा प्रभावशाली लोगों के साथ संबंधों के माध्यम से फलता-फूलता था।