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लोकेश शर्मा ने अशोक गहलोत को लेकर फिर किये कई खुलासे, कहा-'बीजेपी के झूठ से हार गए, फिर काहे के जादूगर'

राजस्थान कांग्रेस में अंतकर्लह मिटने का नाम नहीं ले रही है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के एक निजी मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू के बाद प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो गई है। इस दौरान गहलोत ने पायलट को लेकर जबरदस्त हमला बोला......
 
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राजस्थान न्यूज़ डेस्क !!! राजस्थान कांग्रेस में अंतकर्लह मिटने का नाम नहीं ले रही है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के एक निजी मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू के बाद प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो गई है। इस दौरान गहलोत ने पायलट को लेकर जबरदस्त हमला बोला। वहीं जब गहलोत से राजस्थान में काम करने के बावजूद हार का कारण पूछा तो उन्होंने सारा आरोप भाजपा पर मढ़ दिया। जिसके बाद पूर्व सीएम गहलोत के ओएसडी रहे लोकेश शर्मा ने हमलावर होते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है

जिसके बाद पूर्व सीएम गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर हमला बोला है. गौरतलब है कि इंटरव्यू के दौरान जब गहलोत से पूछा गया कि अगर सरकार ने बहुत काम किया तो वह चुनाव कैसे हार गई? गहलोत ने जवाब दिया कि बीजेपी के इस झूठे प्रचार से पता चलता है कि उनके पास कौन सी मशीनरी है? चुनावी बांड खरीदे गए.

उनके चेहरे पर एकतरफ़ा अभियान रचाया

लोकेश शर्मा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखा कि 'बेशर्मी की हद है...!! राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की हार पर खुद को क्लीन चिट देते हुए अशोक गहलोत जी ने बीजेपी के झूठे प्रचार और चुनावी बॉन्ड को जिम्मेदार ठहराया..!! फिर वह अनुभव कहां है जो हर दिन मायने रखता है, सरकारी खजाने को खाली करके बड़ी-बड़ी योजनाएं चलती हैं। सारी जादूगरी, रणनीति, कथित कुशल प्रबंधन।
25 सितंबर को हाईकमान का अपमान करने के बाद पूरी तरह से मनमाने ढंग से एकतरफा निर्णय लेना, सरकार को दोहराने का दावा और उसके चेहरे पर पूरी तरह से एकतरफा अभियान.. ??? अपने चेहरे पर चुनाव लड़ा, फिर भी भाजपा का झूठा प्रचार जिम्मेदार..??

झूठे प्रचार का खंडन नहीं कर सके-शर्मा

मतलब यह कि पूरे सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग करने के बाद भी झूठा प्रचार झूठा साबित नहीं हो सका?? 40 साल की राजनीति के बाद क्या हुआ? अपने आप को राजस्थान का गांधी, जननायक और जादूगर कहा, लेकिन वही ढाक के तीन पात!! हमेशा की तरह प्रचार के नाम पर मुख्यमंत्री की हार हुई...जबकि सब जानते हैं कि अपनी जिद के कारण उन्होंने मनमानी नहीं की होती और अगर उन्होंने तमाम फीडबैक को देखते हुए पाला बदल लिया होता और सही फैसला लिया होता सही समय पर आज प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होती।

प्रदेश अध्यक्ष को बेवकूफ बनाया

अगर प्रदेश का अध्यक्ष मूर्ख हो और प्रभारी व्यक्ति मुख्यमंत्री आवास में रात्रि भोज के लिए भूखा हो और राजनीति न समझने वाला व्यक्ति मनमाने तरीके से अपने फैसले थोपे तो हार की जिम्मेदारी लीजिए...