Aapka Rajasthan

राजस्थान में 5 प्रतिशत तक बढ़े शराब के दाम, वीडियो में देखें MRP से ज्यादा बेची तो कार्रवाई होगी

राजस्थान में 5 प्रतिशत तक बढ़े शराब के दाम, वीडियो में देखें MRP से ज्यादा बेची तो कार्रवाई होगी
 
राजस्थान में 5 प्रतिशत तक बढ़े शराब के दाम, वीडियो में देखें MRP से ज्यादा बेची तो कार्रवाई होगी

नए वित्तीय वर्ष 2025 की शुरुआत के साथ ही राजस्थान में शराब प्रेमियों को झटका लगा है। आबकारी विभाग ने प्रदेश में बीयर, व्हिस्की और अन्य अंग्रेजी शराब ब्रांड्स की नई दरें जारी कर दी हैं, जो आज यानी 15 अप्रैल से लागू हो गई हैं। विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, कई लोकप्रिय ब्रांड्स की कीमतों में औसतन 5 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की गई है। हालांकि, कुछ ब्रांड्स के दामों में उतनी ही कमी भी की गई है।

विभागीय अधिकारियों के अनुसार, यह संशोधन कर ढांचे, परिवहन लागत और ब्रांड वैल्यू के आधार पर किया गया है। नई कीमतों के लागू होने के साथ ही राज्य की सभी लाइसेंसी शराब दुकानों पर updated रेट लिस्ट भेज दी गई है, और दुकानदारों को निर्देश दिया गया है कि वे उपभोक्ताओं से केवल संशोधित मूल्य ही वसूलें।

किन ब्रांड्स पर असर?

सूत्रों के मुताबिक, लोकप्रिय बीयर ब्रांड्स जैसे कि बडवाइज़र, किंगफिशर अल्ट्रा और हाइनिकेन के दामों में मामूली वृद्धि हुई है। वहीं, कुछ प्रीमियम व्हिस्की ब्रांड्स जैसे ब्लैक डॉग, ब्लेंडर्स प्राइड और रॉयल स्टैग में भी 3% से 5% तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

इसके विपरीत, कुछ विदेशी ब्रांड्स और कम खपत वाले स्थानीय ब्रांड्स की कीमतों में थोड़ी राहत दी गई है। माना जा रहा है कि ऐसा बाजार में प्रतिस्पर्धा बनाए रखने और कम बिक्री वाले ब्रांड्स को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है।

उपभोक्ताओं की मिली-जुली प्रतिक्रिया

नई दरें लागू होने के बाद उपभोक्ताओं में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। जहां कुछ लोग इसे नियमित वार्षिक संशोधन मान रहे हैं, वहीं शराब दुकानों पर पहुंचने वाले कई ग्राहकों ने अचानक बढ़ी कीमतों पर नाराजगी भी जताई है। एक स्थानीय उपभोक्ता ने कहा, "हर साल अप्रैल में दाम बढ़ना अब सामान्य हो गया है, लेकिन इस बार बीयर की कीमतें ज़्यादा बढ़ी हैं। गर्मियों में बीयर की खपत बढ़ती है, और ऐसे में ये जेब पर सीधा असर डालती है।"

क्या कहता है विभाग?

आबकारी विभाग का कहना है कि नई दर नीति राज्य के राजस्व में बढ़ोतरी, शराब की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और बाजार में संतुलन बनाए रखने के उद्देश्य से तैयार की गई है। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "हमारा प्रयास है कि उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण उत्पाद उचित मूल्य पर मिले। कीमतों में बदलाव बाजार की मांग और सप्लाई के संतुलन को ध्यान में रखते हुए किया गया है।"

राज्य सरकार को इस बार आबकारी से 6000 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व मिलने की उम्मीद है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 10% अधिक है।