मालदीव-गोवा छोड़ें बांसवाड़ा में बिताएं बिठाये वीकेंड, वीडियो में City Of Hundread Islands की ख़ूबसूरती देख फौरन बुक कर लेंगे टिकेट
जब भी छुट्टियों की प्लानिंग होती है, ज़्यादातर लोगों के ज़हन में सबसे पहले मालदीव या गोवा का ख्याल आता है। नीले समुद्र, रेत भरे तट और शांत वातावरण की कल्पना हमें इन इंटरनेशनल और कॉस्टल डेस्टिनेशन्स की ओर खींच लेती है। लेकिन क्या आपने कभी राजस्थान के एक ऐसे कोने के बारे में सुना है जो प्राकृतिक सुंदरता में गोवा और मालदीव को कड़ी टक्कर देता है? हम बात कर रहे हैं बांसवाड़ा की, जिसे 'सिटी ऑफ हंड्रेड आइलैंड्स' यानी "सौ द्वीपों का शहर" कहा जाता है।
कहां है बांसवाड़ा और क्यों है खास?
बांसवाड़ा राजस्थान के दक्षिणी सिरे पर स्थित है और मध्य प्रदेश की सीमा से सटा हुआ है। यह शहर लंबे समय तक अनदेखा रहा, लेकिन अब पर्यटक इसकी सुंदरता के कायल हो रहे हैं। बांसवाड़ा को 'सिटी ऑफ हंड्रेड आइलैंड्स' कहा जाता है क्योंकि यहाँ माही नदी पर बने विशाल बांध और जलाशयों में छोटे-छोटे करीब 100 द्वीप हैं, जो चारों तरफ पानी से घिरे हुए हैं।यह नज़ारा इतना मनमोहक होता है कि लोग इसे 'भारत का छिपा हुआ मालदीव' कहने लगे हैं। यहाँ सूर्यास्त के समय जब जल के ऊपर सूरज की किरणें बिखरती हैं, तो लगता है मानो स्वर्ग ज़मीन पर उतर आया हो।
आनंद का अद्भुत संगम: प्रकृति, पानी और पहाड़
बांसवाड़ा की खूबसूरती सिर्फ जलाशयों और द्वीपों तक सीमित नहीं है। यहां की हरियाली, प्राकृतिक झरने, जंगल, पहाड़ी इलाके और शांत वातावरण इसे एक परफेक्ट ऑफबीट वेकेशन डेस्टिनेशन बनाते हैं। खास बात यह है कि यहाँ आप भीड़भाड़ से दूर शांति से अपना समय बिता सकते हैं, जो आमतौर पर गोवा और मालदीव जैसे डेस्टिनेशनों पर मुश्किल हो जाता है।यहां आप बोटिंग का आनंद ले सकते हैं, फोटोग्राफी कर सकते हैं और प्रकृति के करीब खुद को महसूस कर सकते हैं। खासकर मॉनसून के मौसम में यह क्षेत्र और भी जीवंत हो उठता है।
माही बांध और आसपास के पर्यटन स्थल
बांसवाड़ा में माही नदी पर बना बांध राजस्थान के सबसे बड़े बांधों में से एक है। इस बांध से जुड़े जलाशयों में बने द्वीपों पर आप नाव के जरिए जा सकते हैं। कुछ द्वीपों पर छोटी झोपड़ियां या बैठने की व्यवस्था भी है, जो एक निजी पिकनिक स्पॉट जैसा अनुभव देती हैं।इसके अलावा बांसवाड़ा में स्थित कुछ प्रमुख दर्शनीय स्थलों में कागदी पिकनिक स्पॉट, आनंद सागर झील, त्रिपुरा सुंदरी मंदिर, संगमेश्वर मंदिर, डायलाब झील और परतापुर जलप्रपात शामिल हैं। इन स्थानों की प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्त्व पर्यटकों को विशेष रूप से आकर्षित करते हैं।
संस्कृति और खानपान का अनोखा संगम
राजस्थानी संस्कृति और भीलों की जनजातीय परंपराएं बांसवाड़ा की आत्मा हैं। यहां के लोग सीधे-सादे और अतिथि सत्कार में विश्वास रखने वाले हैं। आप यहाँ पारंपरिक राजस्थानी भोजन का स्वाद ले सकते हैं जैसे दाल-बाटी-चूरमा, गट्टे की सब्जी, और खासकर भील समुदाय द्वारा बनाई जाने वाली देशी व्यंजन जो काफी अलग और रोचक अनुभव देते हैं।
बजट में शानदार वेकेशन
मालदीव या गोवा की तुलना में बांसवाड़ा की यात्रा बहुत सस्ती और सुलभ है। यहाँ रहना, खाना और घूमना – सब कुछ बजट फ्रेंडली है। आप परिवार, दोस्तों या कपल के रूप में भी यहां यात्रा कर सकते हैं। होटल्स से लेकर लोकल होमस्टे तक की सुविधा यहाँ उपलब्ध है।इसके अलावा, यदि आप रोड ट्रिप के शौकीन हैं तो उदयपुर से बांसवाड़ा की दूरी लगभग 160 किलोमीटर है, जो खूबसूरत घाटियों और झीलों के रास्ते से होकर गुजरती है।
अब क्यों न बदलें ट्रेंड?
अब वक्त आ गया है जब हम केवल लोकप्रिय डेस्टिनेशनों तक सीमित न रहें और भारत के भीतर ही ऐसे स्वर्ग सरीखे स्थानों की खोज करें जो अब तक अनदेखे हैं। बांसवाड़ा उन चुनिंदा जगहों में से है जहां प्राकृतिक सुंदरता, सुकून, रोमांच और संस्कृति – सब एक ही स्थान पर मिलते हैं।
