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कनाडा-जर्मनी से ऑपरेट हो रही लॉरेंस गैंग का खुलासा, जयपुर में दो गुर्गे गिरफ्तार – सोशल मीडिया से जुटा रहे थे टारगेट की जानकारी

कनाडा-जर्मनी से ऑपरेट हो रही लॉरेंस गैंग का खुलासा, जयपुर में दो गुर्गे गिरफ्तार – सोशल मीडिया से जुटा रहे थे टारगेट की जानकारी
 
कनाडा-जर्मनी से ऑपरेट हो रही लॉरेंस गैंग का खुलासा, जयपुर में दो गुर्गे गिरफ्तार – सोशल मीडिया से जुटा रहे थे टारगेट की जानकारी

राजस्थान में एक बार फिर लॉरेंस बिश्नोई गैंग की अंतरराष्ट्रीय साजिश का खुलासा हुआ है। गैंग के गुर्गे कनाडा और जर्मनी से बैठकर राजस्थान में व्यापारियों और ज्वैलर्स को निशाना बना रहे हैं। इस पूरे नेटवर्क को अनमोल बिश्नोई द्वारा संचालित किया जा रहा है।
जयपुर की साइबर थाना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो सक्रिय गुर्गों को गिरफ्तार किया है, जो सोशल मीडिया के जरिए व्यापारियों की जानकारी जुटाकर फिरौती वसूलने की तैयारी में थे।

कैसे हुआ गिरोह का भंडाफोड़?

डीसीपी क्राइम कुंदन कंवरिया के निर्देशन में साइबर थाना पुलिस ने गंभीर टेक्निकल इनपुट्स और सोशल मीडिया मॉनिटरिंग के आधार पर इस गिरोह की सक्रियता का पता लगाया। इसके बाद मुखबिर तंत्र और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की मदद से दो आरोपियों को ट्रैक कर गिरफ्तार किया गया।

गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान हुई है:

  • नेत्रपाल सिंह

  • मान प्रजापति उर्फ मंगलचंद उर्फ मान बॉक्सर

इन दोनों को जयपुर के अलग-अलग इलाकों से दबोचा गया। पूछताछ में इन दोनों ने कबूल किया कि वे लॉरेंस गैंग के लिए काम कर रहे थे और विदेशी सरगनाओं से निर्देश प्राप्त कर राजस्थान के व्यापारियों की प्रोफाइल तैयार करते थे।

सोशल मीडिया बना हथियार

आश्चर्यजनक रूप से सोशल मीडिया ही इस गिरोह का सबसे बड़ा हथियार बन गया था। आरोपी फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर सक्रिय व्यापारियों और ज्वैलर्स की निगरानी करते थे। जिनकी सोशल इमेज, दौलत, कारोबारी दायरा या लाइफस्टाइल अधिक दिखता था, उन्हें ही टारगेट बनाया जाता था।

फिर उनके नंबर जुटाकर, या मैसेजिंग ऐप्स के माध्यम से धमकी भेजी जाती थी। फिरौती वसूलने के लिए गैंग के विदेशी ऑपरेटर्स से संपर्क किया जाता था, जो रकम का कुछ हिस्सा भारत में मौजूद गुर्गों को देते थे।

अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन की भी जांच

पुलिस को संदेह है कि इस गिरोह की गतिविधियों के पीछे कनाडा और जर्मनी में बैठे लॉरेंस गैंग के सदस्य सीधे तौर पर जुड़े हैं। इस कड़ी में पुलिस अब इंटरपोल और केंद्रीय एजेंसियों की मदद से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जांच को आगे बढ़ाएगी।

डीसीपी क्राइम कुंदन कंवरिया ने कहा:
"यह गिरफ्तारी लॉरेंस गैंग के डिजिटल नेटवर्क को ध्वस्त करने की दिशा में अहम कदम है। सोशल मीडिया पर निगरानी बढ़ाई गई है और जो भी कारोबारी संदिग्ध गतिविधियों के संपर्क में हैं, उन्हें सतर्क रहने की सलाह दी गई है।"