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जाने किन-किन राज्यों से होकर गुजरती है उत्तर भारत की जीवनरेखा अरावली, कहाँ किया जा रहा सबसे अधिक खनन

जाने किन-किन राज्यों से होकर गुजरती है उत्तर भारत की जीवनरेखा अरावली, कहाँ किया जा रहा सबसे अधिक खनन
 
जाने किन-किन राज्यों से होकर गुजरती है उत्तर भारत की जीवनरेखा अरावली, कहाँ किया जा रहा सबसे अधिक खनन

अरावली पर्वत श्रृंखला को लेकर विवाद पूरे देश में लगातार बढ़ता जा रहा है। अरावली रेंज के बारे में सुप्रीम कोर्ट के नवंबर 2025 के फैसले के बाद, कई राज्यों में बड़े पैमाने पर गुस्सा भड़क उठा है। सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण मंत्रालय की सिफारिशों को मानते हुए अरावली पहाड़ियों को फिर से परिभाषित किया है, जिसमें कहा गया है कि केवल 100 मीटर या उससे ज़्यादा ऊंचाई वाली पहाड़ियों को ही संरक्षित माना जाएगा। इस फैसले से राजस्थान में अरावली रेंज का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा असुरक्षित हो सकता है, जिससे बड़े पैमाने पर खनन को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। लोग विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं और अरावली रेंज को बचाने के लिए एक अभियान शुरू किया है। आइए जानते हैं कि अरावली पहाड़ियां किन राज्यों से होकर गुजरती हैं और कहां बड़े पैमाने पर खनन गतिविधियां होती हैं।

अरावली पर्वत श्रृंखला चार राज्यों से होकर गुजरती है

अरावली पर्वत श्रृंखला भारत के चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में फैली हुई है। इसका विस्तार दिल्ली (NCT), हरियाणा, राजस्थान और गुजरात में है। कुल मिलाकर, अरावली रेंज लगभग 37 जिलों में फैली हुई मानी जाती है। इसकी लंबाई लगभग 600 से 700 किलोमीटर होने का अनुमान है, जो उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम तक फैली हुई है। अरावली रेंज की शुरुआत दिल्ली से मानी जाती है, जहां से यह हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद और नूंह जिलों तक फैली हुई है। इसके बाद यह राजस्थान में प्रवेश करती है, जहां इसका विस्तार सबसे बड़ा है। राजस्थान से यह आखिरकार गुजरात के कुछ हिस्सों तक पहुंचती है।

राजस्थान में सबसे ज़्यादा खनन गतिविधियां होती हैं

राजस्थान अरावली क्षेत्र में खनन का सबसे बड़ा केंद्र है। आंकड़ों के अनुसार, अरावली रेंज से संबंधित लगभग 90 प्रतिशत खनन गतिविधियां राजस्थान में होती हैं। यहां जस्ता, सीसा, संगमरमर, ग्रेनाइट, चूना पत्थर और रॉक फॉस्फेट जैसे खनिजों का बड़े पैमाने पर खनन किया जाता है। उदयपुर का जावर क्षेत्र और भीलवाड़ा में रामपुर अगुचा खदान, जिसे दुनिया की सबसे बड़ी जस्ता-सीसा खदानों में से एक माना जाता है, इसी क्षेत्र में स्थित हैं। अलवर, जयपुर और राजसमंद जैसे जिले अपने संगमरमर और ग्रेनाइट के भंडारों के लिए जाने जाते हैं। राजस्थान में खनन से हर साल राज्य को हजारों करोड़ रुपये का राजस्व मिलता है।

हरियाणा में अरावली क्षेत्र छोटा है, लेकिन विवाद ज़्यादा हैं। अरावली रेंज हरियाणा के सिर्फ़ लगभग एक प्रतिशत इलाके में फैली है, लेकिन खनन से जुड़े सबसे ज़्यादा विवाद यहीं देखने को मिलते हैं। फरीदाबाद, गुरुग्राम और नूंह जैसे इलाकों में अवैध खनन और निर्माण गतिविधियों के आरोप लंबे समय से लगते रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, हाल के सालों में खनन से हरियाणा के रेवेन्यू में काफ़ी बढ़ोतरी हुई है। वहीं, गुजरात में अरावली रेंज का दायरा सीमित है, लेकिन साबरकांठा जैसे ज़िलों में ग्रेनाइट, मार्बल और चूना पत्थर का खनन होता है। हालांकि यहां खनन का पैमाना राजस्थान जितना बड़ा नहीं है, फिर भी इसका पर्यावरणीय असर साफ़ दिखता है।