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दौसा में उपचुनाव के बाद पहली बार मंच पर विधायक के साथ दिखे किरोड़ीलाल, फुटेज में देखें बोले - जो काम बताओगे मना नहीं करूंगा

दौसा में उपचुनाव के बाद पहली बार मंच पर विधायक के साथ दिखे किरोड़ीलाल, फुटेज में देखें बोले - जो काम बताओगे मना नहीं करूंगा
 
दौसा में उपचुनाव के बाद पहली बार मंच पर विधायक के साथ दिखे किरोड़ीलाल, फुटेज में देखें बोले - जो काम बताओगे मना नहीं करूंगा

दौसा विधानसभा सीट के उपचुनाव के बाद राजनीति की हल्की गर्मी अब बदलते स्वरूप में दिख रही है। कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा और कांग्रेस विधायक दीनदयाल बैरवा पहली बार एक ही मंच पर सार्वजनिक रूप से नजर आए। दोनों नेताओं ने एक-दूसरे का अभिवादन किया और क्षेत्र के विकास को लेकर सकारात्मक संदेश दिया।

दरअसल, 2024 के दौसा विधानसभा उपचुनाव में दीनदयाल बैरवा ने किरोड़ीलाल मीणा के छोटे भाई जगमोहन मीणा को हराया था। इस जीत ने दौसा की राजनीतिक तस्वीर को पलट कर रख दिया था। ऐसे में इस मंच साझा करने की घटना राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है।

मंच से संबोधन करते हुए किरोड़ीलाल मीणा ने विधायक दीनदयाल बैरवा से कहा, “मेरे दिमाग में कोई पार्टी नहीं है और आप भी मत रखो। विकास में दौसा को मिलजुल कर आगे ले जाना है। अभी हमारी सरकार है। आपका कोई काम हो तो मैं मना नहीं करूंगा। आप जो भी काम बताओगे, उसमें मदद करूंगा। लेकिन राजनैतिक दृष्टि से यदि हमारा कोई कार्यकर्ता फंस जाए तो उसे बचाना हमारी जिम्मेदारी है, वर्ना वो हमें नहीं छोड़ेंगे।”

किरोड़ीलाल के इस बयान से साफ संदेश गया कि विकास कार्यों में राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर सहयोग करने की पहल की जा रही है, लेकिन साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी और कार्यकर्ता सुरक्षा उनके लिए महत्वपूर्ण मुद्दा हैं।

दीनदयाल बैरवा ने भी मंच पर मिलकर एक सौहार्दपूर्ण माहौल दिखाया। दोनों नेताओं का यह मिलन स्थानीय जनता और समर्थकों के लिए सकारात्मक संकेत माना जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इस प्रकार के संकेत यह दर्शाते हैं कि चुनावी प्रतिद्वंद्विता के बावजूद विकास कार्यों और प्रशासनिक सहयोग में पारस्परिक संवाद बनाए रखना महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

स्थानीय जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं ने भी इस पहल का स्वागत किया है। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि इस सहयोग से दौसा क्षेत्र में अवरुद्ध विकास परियोजनाओं में गति आएगी और दोनों पक्ष मिलकर बेहतर योजनाओं को अमलीजामा पहनाएंगे।

राजनीतिक हलकों में यह चर्चा भी है कि भविष्य में ऐसे सहयोगी रुख से क्षेत्रीय राजनीति में स्थिरता आ सकती है। हालांकि, यह भी स्पष्ट किया गया कि राजनीतिक प्रतिस्पर्धा जारी रहेगी, लेकिन विकास और जनता की भलाई को प्राथमिकता देने की समझदारी इस मंच से देखने को मिली है।

कुल मिलाकर, दौसा में उपचुनाव के बाद पहली बार मंच साझा करने का यह दृश्य राजनीतिक तनाव के बीच सौहार्द और विकास को लेकर एक सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है।