Jaipur में संतों के सम्मेलन में काशी विश्वनाथ मंदिर और कृष्ण जन्मस्थान को लेकर होगी चर्चा
सम्मेलन के बाद पांच दिन होंगे कार्यक्रम
उन्होंने बताया- संत सम्मेलन में काशी विश्वनाथ मंदिर और मथुरा स्थित श्री कृष्ण जन्म स्थान मंदिर को लेकर व्यापक विचार विमर्श किया जाएगा। इसके साथ गौ रक्षा और गौ सेवा पर भी चर्चा होगी। सम्मेलन के बाद 19 फरवरी से 24 फरवरी तक के सभी कार्यक्रम श्री पंचखण्ड पीठ पावन धाम आश्रम विराटनगर मे होंगे। आचार्य स्वामी सोमेन्द्र महाराज ने बताया- ब्रह्मलीन राष्ट्र संत आचार्य स्वामी धर्मेद्र महाराज का सनातन धर्म के उन्नयन, रक्षण और गौरक्षा आंदोलन के साथ ही श्री रामजन्म भूमि मुक्ति आंदोलन में सर्वाधिक योगदान रहा। उनकी याद में अखिल भारतीय राष्ट्र गौरव सम्मान अलंकरण हर साल एक राष्ट्रीय संत को दिया जाएगा। इस साल का यह सम्मान गोवा के श्रीदत्त पद्मनाभ पीठ के पीठाधीश्वर पूज्य संत पदमश्री स्वामी ब्रह्मेशानन्द को दिया जायेगा।
ये संत होंगे शामिल
इस संत सम्मेलन में श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास महाराज के उत्तराधिकारी महामण्डलेश्वर स्वामी कमलनयन दास महाराज (अयोध्या धाम), पद्म श्री ब्रह्मेशानन्द महाराज (गोवा), महामंडलेश्वर हरिध्यनंन्द महाराज (अमरकंटक), स्वामी रविन्द्र मुनि महाराज (हरिद्वार), वामी श्री राधे राधे बाबा (वृंदावन), श्री रामदास महाराज (बलसाड गुजरात), स्वामी स्वायत्तानन्द महाराज (केलिफोर्निया, अमेरिका), नरेन्द्र नन्द महाराज (स्पेन), पूज्य कालीचरण महाराज (पुणे), पूज्य जनार्दन महाराज (गुजरात), अखिल भारतीय संत समिति के अध्यक्ष अविचल दास महाराज प्रमुख है। विश्व हिन्दू परिषद के अंर्तराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार भी संत सम्मेलन में भाग लेगें। इसके अलावा अनेक पीठों के आचार्य संतो को भी आमंत्रित किया गया है।
कार्यक्रम की जानकारी देने के लिए रविवार को भट्टारक जी की नसियां में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन हुआ। इसमें आयोजन समिति के संरक्षक महामण्डलेश्वर मनोहरदास महाराज, पूज्य मंहत रामदास महाराज (अयोध्या धाम), पूज्य मंहत विष्णुदास महाराज (अयोध्या धाम) और श्री धर्म फाउंडेशन ट्रस्ट के अध्यक्ष सुधीर जैन गोधा, एम.एल. सोनी, और महासचिव गब्बर कटारा के साथ पावनधाम सेवा समिति के पदाधिकारी उपाध्यक्ष निर्मल जैन सोगानी, गोपाल मालपानी और रामवतार जैन उपस्थित रहे।