झुंझुनूं की शहीद वीरांगना ओम कंवर ने मांगी इच्छा मृत्यु की अनुमति, प्रशासन की अनदेखी से आहत होकर उठाया कदम
राजस्थान के झुंझुनूं जिले के चिंचड़ौली गांव से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां शहीद की पत्नी और वीरांगना ओम कंवर ने जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है। ओम कंवर का कहना है कि वह पिछले आठ महीनों से अपनी जमीन से जुड़े विवाद को लेकर न्याय की गुहार लगा रही हैं, लेकिन अब तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हो पाई है। प्रशासनिक उपेक्षा और मानसिक प्रताड़ना से आहत होकर उन्होंने यह कठोर कदम उठाने का फैसला किया है।
ओम कंवर ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि वह एक शहीद सैनिक की पत्नी हैं और समाज में सम्मान के साथ जीना चाहती हैं। लेकिन बीते आठ महीनों से उनकी जमीन को लेकर विवाद चल रहा है, जिसमें उन्हें लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में उन्होंने कई बार संबंधित अधिकारियों, पुलिस और राजस्व विभाग से संपर्क किया, लेकिन हर बार उन्हें आश्वासन ही मिला, कार्रवाई नहीं।
ओम कंवर ने आरोप लगाया कि कुछ प्रभावशाली लोगों द्वारा उनकी जमीन पर अवैध कब्जा करने की कोशिश की जा रही है, और जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो उन्हें धमकाया गया और मानसिक रूप से परेशान किया गया। बार-बार की गई शिकायतों के बावजूद जब कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो उन्होंने अब इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगते हुए जिला प्रशासन से जीवन समाप्त करने की अनुमति देने की गुहार लगाई।
इस पूरे मामले ने प्रशासनिक व्यवस्था और शहीद परिवारों के प्रति संवेदनशीलता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक ओर सरकार शहीदों के सम्मान और उनके परिवारों के लिए कल्याणकारी योजनाओं की बात करती है, वहीं दूसरी ओर ज़मीनी स्तर पर ऐसी वीरांगनाएं न्याय के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं।
जिला प्रशासन की ओर से बताया गया है कि ओम कंवर के ज्ञापन को गंभीरता से लिया गया है और संबंधित विभागों को जांच के निर्देश दे दिए गए हैं। जिला कलेक्टर ने भरोसा दिलाया है कि जल्द ही पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर न्याय दिलाया जाएगा।
इस घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों और समाजसेवियों में भी रोष देखा जा रहा है। उनका कहना है कि यदि एक शहीद की पत्नी को भी न्याय के लिए प्रशासनिक दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ें और अंत में उसे इच्छा मृत्यु की मांग करनी पड़े, तो यह पूरे तंत्र की विफलता है।
