फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं प्रवासी पक्षियों का घर जवाई बांध, वीडियो में नजारा देख आप भी प्लान कर लेंगे ट्रिप

राजस्थान की वीरान और शुष्क ज़मीन पर जब कोई प्राकृतिक सौंदर्य की बात करता है, तो शायद पहला ख्याल रेगिस्तान या ऐतिहासिक किलों का आता है। लेकिन अगर आप असली नेचर लवर हैं, खासकर फोटोग्राफी के शौकीन, तो पाली जिले में स्थित जवाई बांध आपके लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। यहां न सिर्फ पहाड़ियों के बीच बसा शांत जलाशय है, बल्कि हर साल हजारों प्रवासी पक्षी यहां डेरा जमाते हैं। पक्षियों की चहचहाहट, पानी पर उतरते सूरज की झलक और चारों ओर फैला हरियाली और चट्टानों का अनूठा संगम इस जगह को फोटोग्राफरों के लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन बना देता है।
जवाई बांध: एक संक्षिप्त परिचय
पाली जिले के सुमेरपुर और शेरगढ़ के बीच स्थित जवाई बांध का निर्माण 1957 में हुआ था। इसे जवाई नदी पर बनाया गया था जो कि लूनी नदी की सहायक नदी है। यह बांध मुख्यतः सिंचाई और पेयजल आपूर्ति के लिए बना था, लेकिन समय के साथ यह स्थान प्राकृतिक जैव विविधता का केंद्र बन गया।बांध के आसपास की चट्टानी पहाड़ियाँ, खुले मैदान और शांत वातावरण इसे पक्षियों के लिए आदर्श प्रवास स्थल बनाते हैं। यही कारण है कि यह क्षेत्र आज "बर्ड वॉचिंग" और "वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी" के लिए दुनियाभर से प्रकृति प्रेमियों को आकर्षित करता है।
प्रवासी पक्षियों का घर
हर साल अक्टूबर से मार्च के बीच यहां सर्द देशों से हजारों की संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं। जिनमें मुख्यतः ये पक्षी देखने को मिलते हैं:
सारस क्रेन (Sarus Crane)
ग्रेटर फ्लेमिंगो (Greater Flamingo)
कॉमन टील, पिनटेल, पोचार्ड
ओपनबिल्ड स्टॉर्क, पेंटेड स्टॉर्क
किंगफिशर, इगरेट, हेरॉन
ग्रे लैग गूज़ और बार-हेडेड गूज़
इन पक्षियों को सुबह-सुबह पानी के ऊपर मंडराते या मछलियाँ पकड़ते हुए देखना अपने आप में एक मनोरम दृश्य होता है। यही दृश्य फोटोग्राफरों के कैमरे में हमेशा के लिए कैद हो जाता है।
बर्ड वॉचिंग और फोटोग्राफी का आदर्श स्थल
फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए जवाई बांध किसी जादुई जगह की तरह है। यहां की प्राकृतिक रोशनी, खुले आसमान और पक्षियों की विविधता अद्भुत फ्रेम तैयार करती है। सूर्योदय और सूर्यास्त के समय जब पानी पर सुनहरे रंग बिखरते हैं, तब हर क्लिक अपने आप में एक कलाकृति बन जाता है।जवाई बांध के आसपास स्थित लेपर्ड सफारी जोन भी एक अतिरिक्त आकर्षण है। यहां तेंदुए, सियार, लोमड़ी, मगरमच्छ और कई अन्य वन्य जीवों को भी देखने का मौका मिलता है। इससे यह जगह वाइल्डलाइफ फोटोग्राफरों के लिए और भी खास हो जाती है।
कैसे पहुंचें जवाई बांध
रेल मार्ग: नजदीकी रेलवे स्टेशन Falna है, जो यहां से लगभग 30 किलोमीटर दूर है। फालना से टैक्सी या बस द्वारा आसानी से जवाई बांध पहुंचा जा सकता है।
सड़क मार्ग: उदयपुर, जोधपुर, पाली और आबू रोड जैसे प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग द्वारा भी जुड़ा है।
हवाई मार्ग: सबसे नजदीकी एयरपोर्ट उदयपुर है, जो करीब 150 किलोमीटर दूर है।
ठहरने की सुविधा
यहां कई स्थानीय होमस्टे, रिसॉर्ट्स और कैंपिंग साइट्स हैं जो खासतौर से बर्ड वॉचर्स और फोटोग्राफरों के लिए डिज़ाइन की गई हैं। यहां स्थानीय गाइड भी उपलब्ध होते हैं जो पक्षियों के बारे में विस्तृत जानकारी देते हैं और सही स्पॉट तक ले जाते हैं।
कब करें यात्रा?
नवंबर से फरवरी के बीच का समय यहां घूमने और फोटोग्राफी के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। इस दौरान न सिर्फ मौसम सुहावना रहता है, बल्कि प्रवासी पक्षियों की संख्या भी सबसे ज्यादा होती है।
स्थानीय संस्कृति और अनुभव
जवाई बांध केवल प्रकृति की सुंदरता से ही नहीं, बल्कि राजस्थानी संस्कृति और स्थानीय आदिवासी जीवनशैली से भी समृद्ध है। यहां के ग्रामीणों का जीवन, उनकी पारंपरिक वेशभूषा और खानपान एक अलग ही अनुभव प्रदान करता है। अगर आप गांव की मिट्टी में रचे-बसे अनुभव लेना चाहते हैं, तो यह जगह आपको निराश नहीं करेगी।
निष्कर्ष: ट्रिप की प्लानिंग अब मुश्किल नहीं
अगर आप लंबे समय से किसी ऐसी ट्रिप की प्लानिंग कर रहे हैं जो शांति, प्राकृतिक सौंदर्य, और फोटोग्राफी के लिए परफेक्ट हो, तो जवाई बांध आपकी लिस्ट में होना चाहिए। यहां न सिर्फ प्रकृति से जुड़ने का अनुभव मिलेगा, बल्कि फोटोग्राफी का वह सुकून भी, जिसे शब्दों में बयान करना मुश्किल है।