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जन्माष्टमी उत्सव के लिए सज-धज कर तैयार जयपुर का गुप्त वृंदावन धाम, दो मिनट के फुटेज में जानें दो लाख से अधिक भक्तों के आने की उम्मीद

जन्माष्टमी उत्सव के लिए सज-धज कर तैयार जयपुर का गुप्त वृंदावन धाम, दो मिनट के फुटेज में जानें दो लाख से अधिक भक्तों के आने की उम्मीद
 
जन्माष्टमी उत्सव के लिए सज-धज कर तैयार जयपुर का गुप्त वृंदावन धाम, दो मिनट के फुटेज में जानें दो लाख से अधिक भक्तों के आने की उम्मीद

राजधानी जयपुर का गुप्त वृंदावन धाम जन्माष्टमी महोत्सव के लिए पूरी तरह तैयार है। इस पावन अवसर पर मंदिर को रंग-बिरंगी रोशनी से निखारा गया है, जिससे पूरा परिसर एक अद्भुत आध्यात्मिक आभा बिखेर रहा है। श्रद्धालुओं में उत्साह का माहौल है और जन्माष्टमी के दिन यहां बड़ी संख्या में भक्तों के आने की संभावना है।

विशेष पोशाक और अलंकरण

भगवान कृष्ण के लिए इस बार विशेष पोशाक वृंदावन से तैयार करवाई गई है। इस पोशाक पर बारीक जरदोजी की कढ़ाई की गई है, जो इसे और भी आकर्षक बना रही है। मंगला आरती के समय भगवान नवरत्न धारण करेंगे, जो उनकी शोभा को चार चांद लगाएंगे।

इसके साथ ही कृष्ण-बलराम का पुष्प अलंकार कर्नाटक से विशेष रूप से मंगवाए गए सेवंती के फूलों से किया जाएगा। इन फूलों की सुगंध और रंग मंदिर परिसर को एक अलग ही भक्ति भाव से भर देंगे।

फूलों से सजी दिव्य सजावट

मंदिर परिसर को देश के विभिन्न हिस्सों से मंगवाए गए फूलों से सजाया गया है। रंग-बिरंगे फूलों से बने हार, तोरण और मंडप न केवल दृश्य रूप से मनमोहक हैं, बल्कि वातावरण में एक अद्भुत सुगंध भी फैला रहे हैं। सजावट में गुलाब, गेंदा, ऑर्किड, रजनीगंधा और अन्य दुर्लभ फूलों का प्रयोग किया गया है।

भक्ति और उल्लास का संगम

गुप्त वृंदावन धाम में जन्माष्टमी के अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना, भजन-संकीर्तन और रास-लीला का आयोजन भी होगा। मंदिर प्रबंधन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यवस्थाएं मजबूत की हैं, जिसमें प्रसाद वितरण, पेयजल और सुरक्षा इंतजाम शामिल हैं। जन्माष्टमी की रात भगवान कृष्ण के जन्म के साथ मंदिर में घंटियों, शंखनाद और जयकारों की गूंज भक्तों को आध्यात्मिक आनंद से भर देगी।