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जयपुर की रात रही संगीतमयी, सचेत-परंपरा की जोड़ी का लाइव म्यूजिकल मैजिक वीडियो आया सामने

जयपुर की रात रही संगीतमयी, सचेत-परंपरा की जोड़ी का लाइव म्यूजिकल मैजिक वीडियो आया सामने
 
जयपुर की रात रही संगीतमयी, सचेत-परंपरा की जोड़ी का लाइव म्यूजिकल मैजिक वीडियो आया सामने

गुलाबी नगर जयपुर की शुक्रवार रात संगीत और भक्ति के रंगों में डूबी रही। मौका था मशहूर संगीतकार जोड़ी सचेत टंडन और परंपरा ठाकुर के धमाकेदार लाइव कॉन्सर्ट का, जो कि सीतापुरा स्थित जी स्टूडियो में आयोजित किया गया। इस शानदार संगीतमय शाम ने जयपुरवासियों को संगीत, रोमांस और अध्यात्म का अनोखा संगम प्रदान किया।

कार्यक्रम की शुरुआत में ही जैसे ही ‘बेखयाली’ जैसे लोकप्रिय गाने की धुन गूंजी, दर्शक भावनाओं में बहते चले गए। इसके बाद ‘रांझण’ और ‘मइय्या मैनूं’ जैसे सुपरहिट गीतों ने श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। हर प्रस्तुति के बाद दर्शकों की तालियों की गूंज और मोबाइल की फ्लैशलाइट्स ने माहौल को और भी जगमग कर दिया।

लेकिन असली जादू उस समय देखने को मिला जब सचेत-परंपरा की जोड़ी ने मंच पर भक्ति भाव से ओतप्रोत भजन ‘राम सिया राम’ की प्रस्तुति दी। जैसे ही यह भजन शुरू हुआ, पूरा ऑडिटोरियम भक्ति सुरों और तालियों की गूंज से भर गया। दर्शकों की आँखों में श्रद्धा, चेहरे पर मुस्कान और वातावरण में अद्भुत ऊर्जा थी। यह प्रस्तुति साबित कर गई कि सचेत-परंपरा सिर्फ रोमांटिक गीतों में ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक संगीत में भी उतने ही प्रभावी हैं।

कॉन्सर्ट के दौरान सचेत और परंपरा ने अपने फैंस से संवाद भी किया। उन्होंने बताया कि जयपुर उनका एक पसंदीदा शहर है, और यहां के लोगों का संगीत के प्रति प्रेम उन्हें हर बार उत्साहित करता है। परंपरा ठाकुर ने कहा, “राम सिया राम गाकर हम खुद को बेहद धन्य महसूस करते हैं। जयपुर के दर्शकों ने इस भक्ति गीत को जिस तरह से अपनाया, वह अविस्मरणीय है।”

इस कॉन्सर्ट में युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक, हर आयु वर्ग के लोग मौजूद थे। जयपुर के संगीत प्रेमियों ने इस अवसर को पूरी तरह से जीया और कलाकारों के साथ सुर में सुर मिलाया। कई दर्शकों ने इस अनुभव को सोशल मीडिया पर लाइव शेयर किया, जिससे यह आयोजन पूरे इंटरनेट पर भी चर्चा का विषय बन गया।

जयपुर में इस तरह के म्यूजिक लाइव शोज़ का क्रेज़ लगातार बढ़ रहा है और सचेत-परंपरा जैसे कलाकारों की उपस्थिति इस शहर को संगीत के नक्शे पर और भी खास बना देती है। शुक्रवार की यह रात न सिर्फ मनोरंजन का माध्यम बनी, बल्कि भक्ति और संगीत के अद्भुत संगम के रूप में यादगार बन गई।