Jaipur का BRTS कॉरिडोर अब बनेगा जयपुर मेट्रो की रीढ़ की हड्डी, 16 वर्षो बाद बिना इस्तेमाल किया खत्म होगा इसका इतिहास
जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर में शुरू किया गया बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस) कॉरिडोर 16 वर्षो तक कभी पूरी तरह से उपयोग में नहीं लाया जा सका। धीरे-धीरे इसे समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और अब मेट्रो ट्रेन के विस्तार और एलिवेटेड रोड के निर्माण में इसका इस्तेमाल हो रहा है।
वहीं, सूरत में बीआरटीएस कॉरिडोर न केवल सफलतापूर्वक संचालित हो रहा है, बल्कि यहां रोजाना लाखों लोग इसका उपयोग कर रहे हैं, जो इसे एक प्रभावी सार्वजनिक परिवहन विकल्प बनाते हैं।
जयपुर मेट्रो: कछुआ गति से हो रहा विस्तार
जयपुर में सार्वजनिक परिवहन की रीढ़ मानी जाने वाली मेट्रो का विस्तार बेहद धीमी गति से हो रहा है। 2015 में जयपुर मेट्रो का संचालन शुरू हुआ था, जिसमें पहले चरण में 9.63 किमी का नेटवर्क (मानसरोवर से चांदपोल मेट्रो स्टेशन तक) जोड़ा गया। इसके बाद, सितंबर 2020 में 2.4 किमी और विस्तार किया गया, जिससे परकोटे में मेट्रो का संचालन शुरू हुआ। हालांकि, जयपुर के बाद चेन्नई, लखनऊ और हैदराबाद में मेट्रो सेवाएं शुरू हुई और इन शहरों में मेट्रो का दायरा जयपुर से कहीं अधिक बढ़ चुका है।
यह भी जानें
-वर्ष 2009-10 में जयपुर में 400 सिटी बसें आई थीं, जिनमें से 100 बसों को बीआरटीएस कॉरिडोर में चलाने का प्रस्ताव था, लेकिन जेसीटीएसएल ने न तो रूट बनाए और न ही इन बसों का संचालन शुरू किया।
-राज्य सड़क सुरक्षा परिषद ने जनवरी 2020 में पहली बार बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने का फैसला लिया था।
-ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड की बैठक में भी इस कॉरिडोर को हटाने का निर्णय लिया गया था।
-2021 में तत्कालीन परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने दावा किया था कि सड़क दुर्घटनाओं में 70 प्रतिशत मौतें बीआरटीएस कॉरिडोर के कारण हुई हैं।