जयपुर का रिश्वतखोर इंजीनियर निकला 50 से ज्यादा प्लॉट का मालिक, वीडियो में देखें इनकम से 253 फीसदी ज्यादा कमाई
राजस्थान में भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत जयपुर एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) के अधीक्षण अभियंता के ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई भ्रष्टाचार से अर्जित अवैध संपत्ति को लेकर की गई, जिसमें चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। शुरुआती जांच में एसीबी को अभियंता के पास से जयपुर के विभिन्न पॉश इलाकों में 50 से ज्यादा प्लॉट और 6 करोड़ 25 लाख रुपए से अधिक की चल-अचल संपत्ति और निवेश का पता चला है।
सुबह-सुबह शुरू हुई छापेमारी
सूत्रों के अनुसार, एसीबी टीम ने मंगलवार सुबह एक साथ जयपुर और अन्य स्थानों पर अधीक्षण अभियंता के आवास, कार्यालय और अन्य ठिकानों पर दबिश दी। यह कार्रवाई लंबे समय से अभियंता के खिलाफ मिल रही शिकायतों और प्रारंभिक जांच के आधार पर की गई। एसीबी के अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में दस्तावेज, जमीनों की रजिस्ट्री, निवेश से जुड़े कागजात और नकदी बरामद हुई है।
पॉश इलाकों में प्लॉट्स की भरमार
एसीबी की कार्रवाई में खुलासा हुआ कि आरोपी अभियंता ने जयपुर के मालवीय नगर, जगतपुरा, वैशाली नगर, सी स्कीम जैसे महंगे और विकसित इलाकों में 50 से ज्यादा प्लॉट खरीदे हुए हैं। यह प्लॉट्स अलग-अलग नामों और फर्जी दस्तावेजों के जरिए खरीदे गए थे। टीम यह भी जांच कर रही है कि इन संपत्तियों को खरीदने में किन लोगों की मिलीभगत रही है और क्या इन संपत्तियों को किसी मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क के जरिए हासिल किया गया।
6.25 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का खुलासा
प्रारंभिक जांच में एसीबी को अभियंता के पास से लगभग 6 करोड़ 25 लाख रुपये से अधिक की चल-अचल संपत्ति और विभिन्न कंपनियों में किए गए निवेश का भी पता चला है। इसके अलावा बैंकों में भारी मात्रा में जमा राशि, लॉकर, महंगी गाड़ियां और सोने-चांदी के आभूषण भी बरामद किए गए हैं। एसीबी अधिकारियों का कहना है कि संपत्तियों की असल कीमत बाजार दरों पर कई गुना अधिक हो सकती है।
दस्तावेजों की जांच जारी, और खुलासे संभव
एसीबी ने जब्त दस्तावेजों और डिजिटल डाटा की गहन जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों के अनुसार, यह अब तक की जांच का शुरुआती चरण है और आगे छानबीन में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं। अभियंता और उसके करीबी रिश्तेदारों के खातों और संपत्तियों की भी जांच की जा रही है। यह भी संभावना जताई जा रही है कि आरोपी ने प्राधिकरण में अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर कई अवैध सौदे किए हैं।
एसीबी डीजी का बयान
एसीबी के महानिदेशक ने कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा कि राज्य सरकार के ‘भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन’ अभियान के तहत यह बड़ी कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि किसी भी भ्रष्ट अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा और यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। दोषी पाए जाने पर अभियंता के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
आमजन और कर्मचारियों में चर्चा
जयपुर विकास प्राधिकरण में इस कार्रवाई के बाद हड़कंप मच गया है। कर्मचारियों में भय और आशंका का माहौल बना हुआ है। वहीं आमजन इस कार्रवाई को एसीबी की बड़ी सफलता मान रहे हैं और उम्मीद जता रहे हैं कि इससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी।
राज्य में एसीबी की यह छापेमारी आने वाले समय में भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ एक कड़ा संदेश मानी जा रही है। जांच पूरी होने के बाद विस्तृत रिपोर्ट सार्वजनिक किए जाने की संभावना है।
