Aapka Rajasthan

Jaipur युवा सीख रहे हैं शास्त्रीय नाटक की बारीकियां

 
Jaipur युवा सीख रहे हैं शास्त्रीय नाटक की बारीकियां
जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर शास्त्रीय नाट्य की बारीकियां सिखाने के लिए राजस्थान विश्वविद्यालय के संगीत विभाग में कार्यशाला चल रही है। इसमें युवाओं को शास्त्रीय नाट्य की बारीकियां सिखाने के साथ संस्कृत नाटकों के बारे में जानकारी दी जा रही है। संस्कृत नाटकों के बोल आदि के भी गुर सिखाए जा रहे हैं। राजस्थान विश्वविद्यालय संगीत विभाग व नाट्यकुलम् संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में इस कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इसमें युवाओं को वैदिक रंगमंच से जुड़ी जानकारियां दी जा रही हैं। कार्यशाला के पहले सत्र में नाट्य शास्त्र को लेकर युवाओं ने कई प्रश्न किए, उनके जवाब कार्यशाला संचालक भारत रतन भार्गव ने शास्त्रों में वर्णित भाषा में दिए। उन्होंने संस्कृत नाट्य के विकास की गाथा बताई। उन्होंने कहा कि आज के दौर को देखकर लगता है कि अपने ही देश में संस्कृत नाटक विलुप्त हो गए हैं।

शास्त्रीय नाट्य पद्धति के बारे में जानकारी

संगीत विभागाध्यक्ष प्रो. वंदना कल्ला ने बताया कि अभी पाश्चात्य पद्धति पर आधारित नाटकों का ही मंचन हो रहा है। इस कार्यशाला में शास्त्रीय नाट्य पद्धति के बारे में प्रतिभागियों को जानकारी दी जा रही है। इसके लिए तीन माह तक प्रतिभागियों को वैदिक रंगमंच की बारीकियां सिखाई जाएंगी। इसके लिए 25—25 बच्चों की दो टीमें बनाई जा रही है।

विलुप्त शैली को युवाओं तक पहुंचाने का प्रयास

भार्गव ने बताया कि इस विलुप्त शैली को युवाओं तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। युवाओं को जोड़कर संस्कृत नाट्य शैली को जीवंत करने का प्रयास किया जा रहा है। युवा कलाकार भी नई जानकारियों से लाभान्वित होंगे। कार्यशाला पूरी होने के बाद युवा संस्कृत के नाटकों का मंचन करेंगे।