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Jaipur बातों में फंसाकर महिला ने मैनेजर से लूटे 2.75 करोड़, जाँच में जुटी पुलिस

 
Jaipur बातों में फंसाकर महिला ने मैनेजर से लूटे 2.75 करोड़, जाँच में जुटी पुलिस 

जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर राजस्थान में एक कंपनी के चीफ मैनेजर से महिला ने 2.75 करोड़ रुपए ठग लिए। इसके लिए ठगों ने पूरा खेल रचा। पहले चीफ मैनेजर से न्यूयॉर्क की एक महिला ने दोस्ती की। फिर खुद की मजबूरी और 200 मिलियन डॉलर (1600 करोड़) का झांसा देकर 2.75 करोड़ रुपए ठग लिए। आखिर पीड़ित ने जयपुर स्थित साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने बताया- महावीर नगर कोटा के रहने वाले तपन शर्मा (57) ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है। वह चंबल फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड कंपनी कोटा में चीफ मैनेजर के पद पर काम करता है। करीब 8 महीने पहले फेसबुक पर न्यूयॉर्क की रहने वाली विक्टोरिया गुप्ता नाम की महिला का मैसेज आया। मैसेज में लिखा- उनके पिता सतीश रनवीर गुप्ता है, जो इंडिया के रहने वाले हैं। उसने बताया कि विक्टोरिया के पिता सतीश और मेरे पिता बनवारी लाल शर्मा दोनों पहले दोस्त रह चुके हैं। तपन शर्मा के पिता का देहांत हो जाने के कारण वह इस बात को कन्फर्म नहीं कर पाए।

परेशानी बताकर बनाई नजदीकियां

विक्टोरिया गुप्ता की बात को मानकर बातचीत शुरू हो गई। दोनों की वॉट्सऐप कॉल पर बात होती थी। विक्टोरिया ने खुद की उम्र 36 साल बताई। उसने कहा- उसके पति की हार्ट अटैक से मौत हो चुकी है। पति की संपत्ति पर देवर ने कब्जा कर लिया है। देवर अक्सर उसके साथ मारपीट करता है। जान से मारना चाहता है। विक्टोरिया ने कहा- उसके एक बेटा (5 साल) और एक बेटी (8 साल) है। उनके पिता सतीश रनवीर गुप्ता रियल एस्टेट का बिजनेस करते थे। उनके मरने के बाद पिता की संपत्ति करीब 200 मिलियन डॉलर वसीयत में मिली है। देवर से तंग होकर इंडिया में आकर बसना चाहती है।

विक्टोरिया ने बातचीत करने के लिए एक मोबाइल नंबर दिया। कहा- ये मोबाइल नंबर भारत आने के लिए अमेरिका में भारतीय दूतावास से लिया है। उसके बाद इस मोबाइल नंबर पर वॉट्सऐप कॉल के जरिए दोनों की अक्सर बात होने लगी। बातचीत के दौरान अक्सर देवर के टॉर्चर करने के बारे में बताती रहती थी। 23 दिसंबर 2023 को बात होने पर विक्टोरिया ने बताया- जनवरी के पहले सप्ताह में वो भारत आ रही है। इंडिया आने के बाद यहीं बसने की प्लानिंग है। बाद में बातचीत करने पर बताया- 10 जनवरी को इंडिया आ रही है। दिल्ली दूतावास का काम कर मुंबई जाकर बसेगी।

पैसे लूटना हुआ शुरू

10 जनवरी 2024 को दिल्ली एयरपोर्ट से भगवत सरन नाम के व्यक्ति ने कॉल किया। खुद को इमिग्रेशन ऑफिसर बताया। कहा- विक्टोरिया उसके साथ है। वो 12 लाख डॉलर का रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड का बैंकर चैक लाई है। चैक के कस्टम रजिस्ट्रेशन के 1.65 लाख रुपए लगेंगे। विक्टोरिया के पास 65 हजार रुपए ही हैं। विक्टोरिया ने 1 लाख रुपए की मदद मांगी। रजिस्ट्रेशन फीस के 1 लाख रुपए इमिग्रेशन ऑफिसर भगवत सरन को ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए। 13 जनवरी को लॉन्ड्रिंग प्रमाण-पत्र के 1.40 लाख रुपए मांगे। विक्टोरिया के कहने पर भगवत सरन को रुपए ट्रांसफर किए। उसके बाद बताया गया कि 12 लाख डॉलर का चैक रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड की एयरपोर्ट स्थित डिजिटल बैंकिंग ब्रांच में जमा होगा।जाल में फंसाने के लिए विक्टोरिया ने इंडिया में तपन शर्मा को खुद का संरक्षक बताया। तपन के नाम से अकाउंट खुलवाकर चैक जमा होना दिखलाया। बैंक अकाउंट के लिए तपन के आधार कार्ड की कॉपी भी ली। बैंक की ओर से अकाउंट नंबर और पासवर्ड उसकी मेल पर भेजा गया। दिल्ली एयरपोर्ट से बार-बार कॉन्टैक्ट कर विक्टोरिया खुद को असहाय बता रही थी। असहाय विधवा मानकर मदद में लगे रहे। बैंक में अकाउंट खुलने के बाद बैंक की ओर से कॉल आया। कॉल कर बताया गया कि आप अपने अकाउंट से अपना खर्च किया हुआ पैसा ले सकते हैं। उसके लिए आपको 37 लाख रुपए जमा करना होगा। विक्टोरिया ने बताया कि 15 लाख रुपए अमेरिका से अपनी किसी दोस्त से मदद लेकर जमा करवा दिए हैं। 22 लाख रुपए की मदद कर भगवत सरन को अकाउंट में ट्रांसफर करने के लिए कहा। 18 जनवरी को 22 लाख रुपए जमा करवा दिए। इसके बाद फीस बताकर 11 लाख रुपए ओर जमा करवाने की कहने पर 20 जनवरी को जमा करवाए।

पुराने पैसे निकालने के लिए दलदल में फंसता गया
रुपए जमा करने के बाद बैंक ने ATM कार्ड जारी कर दिया। 25 जनवरी को उसे कार्ड कोरियर कंपनी की छतरपुर ब्रांच से भेजा गया। चार दिन बाद 29 जनवरी को कोटा में घर पर मिल गया। कार्ड चालू करने के नाम पर बैंक ने फिर 12.64 लाख रुपए मांगे। 31 जनवरी को जमा कर दिए। पुराने पैसे निकालने के लिए वह दलदल में फंसते रहे। उसके पीछे कारण भी था कि बैंक की साइट पर उनके अकाउंट में 12 लाख डॉलर दिखाई दे रहे थे। इसी विश्वास में पैसे देते रहे।

वापस चली गई विदेश

26 जनवरी को विक्टोरिया ने उसे बताया कि बच्चों की चिंता हो रही है। वह न्यूयॉर्क जाना चाहती है। बैंक में अकाउंट खुल गया है, एटीएम कार्ड मिल गया है तो बच्चों को ले आती हूं। 29 जनवरी को न्यूयॉर्क पहुंचना बताया। 4 फरवरी को 1.37 करोड़ डॉलर, अगले दिन 4.10 करोड़ डॉलर और 3.10 करोड़ डॉलर बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करना बताया। बैंक की ओर से ई-मेल के जरिए सूचना मिलने पर अकाउंट में भी दिखने लगे। इतनी बड़ी रकम के बाद बैंक में 7 फरवरी को यूएस व भारत सरकार के नाम पर आयकर के रूप में 78 लाख रुपए जमा करवाए। 31 फरवरी को मनी लॉन्ड्रिंग सर्टिफिकेट के नाम पर 61.75 लाख रुपए और वसीयतनामा के 29.60 लाख और सिग्नेचर व अन्य प्रोसेस चार्ज फीस के नाम पर 31 लाख रुपए जमा करवा लिए।

आपको संरक्षक बना कानूनी हक दिया

1 मार्च को विक्टोरिया ने बताया कि उसके देवर के धक्का देने से सिर में चोट आई है। ब्लड का क्लॉट बन गया है। डॉक्टर ने 4 मार्च को ब्रेन सर्जरी करने के लिए बोला है। 4 मार्च को लास्ट मैसेज कर बताया कि सर्जरी रिकवरी में 10 दिन लग जाएंगे। इस दौरान बात नहीं हो पाएगी। 15 मार्च को बच्चों के साथ भारत आ जाऊंगी। बैंक ने बताया कि न्यूयॉर्क ब्रांच से विक्टोरिया के कॉन्टैक्ट में है। सर्जरी के बाद कोमा में चली गई है। सर्जरी में जाने से पहले सभी कागजात पूरे कर चुकी है। अकाउंट बैलेंस पर संरक्षक के रूप में आपका (तपन शर्मा) कानूनी हक है।

23 मार्च को बैंक की ओर से विक्टोरिया की मौत की सूचना दी। बताया कि आप चिंता नहीं करें। 2.96 लाख रुपए वसीयत के जमा करवाकर अकाउंट चला सकते हैं। अपनी सभी रकम अपने बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं। इस तरह बैंक ने प्रोसेस के तौर पर अलग-अलग समय 2 करोड़ 74 लाख 70 हजार 100 रुपए जमा करवा लिए। पूछने पर बोल रहे हैं कि भारतीय बैंक सिस्टम मदद नहीं कर रहा। हम आपकी पूरी रकम रिफंड करने का प्रयास कर रहे हैं। ये रकम कथित रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड में फंसी हुई है।