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Jaipur कार धोने और बगीचे में पानी देने के लिए कहां से लाएं पानी

 
Jaipur कार धोने और बगीचे में पानी देने के लिए कहां से लाएं पानी
जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर प्रदेश में पेयजल के उपयोग को लेकर जलदाय विभाग के परिपत्र ने प्रदेशवासियों को चकरघिन्नी कर दिया है। कार धोने, मकान निर्माण, घर के बगीचे में सिंचाई, स्वीमिंग पूल में पीने के पानी के उपयोग पर पाबंदी की याद दिलाते हुए जुर्माना वसूलने का डंडा तो दिखा दिया, लेकिन लोग इन कामों के लिए दूसरी तरह का पानी कहां से लाएंगे, क्या जलदाय विभाग व्यवस्था करेगा, इसका कोई इंतजाम नहीं सुझाया गया।राजस्थान वाटर सप्लाई एंड सीवरेज एक्ट में इसके लिए कोई विकल्प भी अंकित नहीं है। विभाग भूजल के दुरुपयोग को लेकर मौन है और पानी बेचने वालों को लेकर भी कोई नियम नहीं है। विकल्प दिए बिना जारी परिपत्र की व्यावहारिकता पर अब सवाल खडे हो रहे हैं।  जब अफसरों को यह स्थिति बताई तो उन्होंने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि कार धोने की बजाय पोंछ लें और मकान बनाने के लिए कॉमर्शियल कनेक्शन ले लें।

क्या मंत्रियों-अफसरों के बंगलों पर भी होगा एक्शन

टैंकरों पर नियंत्रण नहीं

सरकारी नलकूपों से टैंकर के जरिये पेयजल को धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। निजी टैंकर संचालक भी भूजल का दोहन कर जमकर चांदी कूट रहे हैं। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में बोरिंग खुदाई के लिए खुली अनुमति दे दी गई। इससे पानी का अवैध कारोबार और ज्यादा बढ़ गया। ऐसे संचालकों के टैंकर जब्त कर मामला दर्ज कराने का प्रावधान है लेकिन हो कुछ भी नहीं रहा।घर के बगीचे में पेयजल का उपयोग करने पर सर्कुलर में जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है। लेकिन मंत्रियों-अफसरों के बंगलों में पीने के पानी से सिंचाई रोकने का कोई इंतजाम नहीं है। सिविल लाइन्स, अस्पताल मार्ग में मंत्रियों को आवास आवंटित हैं। यहां बगीचों में सिंचाई के लिए पेयजल और भूजल का ही उपयोग किया जा रहा है।

भूजल का उपयोग भी पीने के पानी के लिए किया जाता है। लेकिन अफसरों ने भूजल के उपयोग के मामले में खुद को दूर कर लिया। उनका कहना है कि यह परिपत्र केवल विभाग की ओर से सप्लाई किए जा रहे पेयजल के लिए है।

स्वीमिंग पूल में पेयजल का उपयोग नहीं कर सकते, लेकिन भूजल यानी ट्यूबवैल के पानी से भर सकते हैं।

रेस्टारेंट, होटल व अन्य गतिविधियां कॉमर्शियल हैं। इनके लिए पेयजल का कॉमर्शियल कनेक्शन लिया जा सकता है। इनकी दर सामान्य कनेक्शन से ज्यादा है।

हमारा उद्देश्य लोगों में कार्रवाई के नाम पर भय फैलाना नहीं है, बल्कि पानी के विवेकपूर्ण उपयोग का संदेश देना है। यदि पेयजल को कोई दूसरे उपयोग में लेना चाहे तो उपयोग के हिसाब से अलग कनेक्शन लेना होगा और अन्य कोई विकल्प नहीं है।