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Jaipur जलदाय कार्यालयों में जनसुनवाई में 50 दिन में सैकड़ों शिकायतें दर्ज

 
Jaipur  जलदाय कार्यालयों में जनसुनवाई में 50 दिन में सैकड़ों शिकायतें दर्ज
जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर जलदाय इंजीनियर उपभोक्ताओं की पेयजल से जुड़ी समस्याओं के समाधान को लेकर कितने गंभीर हैं, इसकी पोल प्रतिदिन हो रही जनसुनवाई में खुल रही है। जलदाय कार्यालयों में बीते 50 दिन की जनसुनवाई में शिकायतों का जो आंकड़ा सामने आया, उससे फील्ड इंजीनियरों की कार्यशैली विभाग के आला अफसरों के सामने आ गई है। आंकड़ों के अनुसार सांगानेर, विद्याधर नगर और परकोटा क्षेत्र से सबसे अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं।सांगानेर के कई इलाकों में  पेयजल वितरण तंत्र मजबूत नहीं होने, पानी की कमी के कारण पेयजल समस्याएं ज्यादा दर्ज हुई हैं। गत एक महीने में क्षेत्र की पेयजल व्यवस्था में बड़े सुधार किए हैं और पेयजल समस्याएं कम हुई हैं। नियमित जन सुनवाई की जा रही है। पेयजल से जुड़ी ज्यादा समस्याएं उन्हीं इलाकों से दर्ज हुई हैं, जहां अभी तक बीसलपुर का पानी नहीं है।

98 प्रतिशत शिकायतों के समाधान का दावा

जलदाय इंजीनियर दावा कर रहे हैं कि प्रतिदिन सुबह 10:30 से 11:30 बजे तक होने वाली जनसुनवाई में अभी तक जितनी शिकायतें मिली हैं, उनमें से 98 प्रतिशत का निस्तारण किया जा चुका है। लेकिन चौंकाने वाली बात यह भी है कि प्रत्येक डिवीजन में एक अधिशासी अभियंता, तीन सहायक अभियंता और तीन से चार कनिष्ठ अभियंता नियुक्त हैं। फिर भी जन सुनवाई में छोटी-छोटी समस्याओं का अंबार लग रहा है। पूर्व में शिकायतों का निस्तारण किया जाता तो जनसुनवाई में अंबार नहीं लगता।

प्रदेशभर के जलदाय कार्यालयों में सोमवार से होगी जनसुनवाई

जयपुर शहर की तर्ज पर अब प्रदेशभर के जलदाय कार्यालयों में जनसुनवाई होगी। जलदाय कार्यालयों में सोमवार से शुक्रवार सुबह 10 से 11 बजे तक जनसुनवाई होगी। शुक्रवार को विभाग के सचिव डॉ.समित शर्मा ने कुछ नए प्रावधानों के साथ प्रदेश के सभी जलदाय कार्यालयों में जनसुनवाई करने के आदेश जारी किए। आदेशों के अनुसार अब सहायक अभियंता और अधिशासी अभियंता के साथ ही सर्कल अधीक्षण अभियंता और रीजन अतिरिक्त मुख्य अभियंता भी प्रतिदिन अपने कार्यालय में पेयजल समस्याओं की सुनवाई करेंगे। डॉ.शर्मा ने बताया कि जनसुनवाई में सामने आई पेयजल समस्या का लोक सेवाओं की गारंटी अधिनियम के तहत तय समय में समाधान करना होगा। उन्होंने कहा कि जन सुनवाई में प्राप्त पेयजल समस्याओं को एक रजिस्टर में दर्ज कर सम्पर्क पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।