Jaipur कभी विरासत को संरक्षित करने का था सपना, अब व्यवसायीकरण का चश्मा, वीडियो में देखें सिटी पैलेस जयपुर का इतिहास
जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर चौकड़ी मोदीखाना अब केवल नाम की हैरिटेज चौकड़ी बनकर रह गई है। यहां बढ़ती व्यावसायिक गतिविधियां इसकी पहचान बनती जा रही हैं। बड़े-बड़े कॉप्लेक्स का निर्माण हो रहा है, और ऐतिहासिक हवेलियों व मकानों में दुकानें तेजी से बढ़ती जा रही हैं। चौकड़ी के 50 फीसदी क्षेत्र का व्यावसायिकीकरण हो चुका है और 25 से अधिक कॉप्लेक्स बन गए हैं। यूनेस्को ने जिस हैरिटेज वॉक-वे को विश्व धरोहर शहर की मिसाल माना, उसी वॉक-वे का व्यावसायिकीकरण तेजी से हो रहा है। जहां से यह वॉक-वे शुरू होता है, वहां 4 बड़े कॉप्लेक्स हैं, जिनमें से एक में 100 से 200 दुकानें हैं। दवा मार्केट के नाम पर भी यहां दुकानें बढ़ रही हैं, जबकि लालजी सांड का रास्ता पूरी तरह से व्यावसायिक हो गया है।चौकड़ी के लगभग 15 रास्तों में कोई ऐसा रास्ता नहीं बचा, जहां मकानों के अंदर व्यावसायिक गतिविधियाँ संचालित नहीं हो रही हों। जिन मकानों में लोग रह रहे हैं, उनके भूतल भी व्यावसायिक हो गए हैं, और कई कमरों के अंदर दुकानें और गोदाम बनाए जा चुके हैं।
नियमों की अनदेखी
चौकड़ी मोदीखाना में अवैध निर्माण की समस्या भी गंभीर है। रोक के बावजूद यहां बेसमेंट का निर्माण हो रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि निगम ने नोटिस दिए, लेकिन मिलीभगत के कारण बेसमेंट तैयार हो गए हैं। परकोटे में ग्राउंड लोर और दो मंजिला इमारत का निर्माण ही वैध है, जबकि चौकड़ी मोदीखाना में 5-5 मंजिला इमारतें बना ली गई हैं।
लालजी सांड के रास्ते में बने कॉप्लेक्स
फिल्म कॉलोनी
लालजी सांड का रास्ता
रेडियो मार्केट
मणिहारों का रास्ता
हरसू कासलीवाल का रास्ता
नाटाणियों का रास्ता
गोधिकों का रास्ता
ये हैं जिमेदार
विधायक अमीन कागजी
वार्ड 72 की पार्षद ललिता जायसवाल
जोन उपायुक्त पूजा मीणा
भवन शाखा के जेईएन विजेन्द्र मीणा