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Jaipur दृष्टिबाधित बालिकाओं को पढ़ाई के साथ-साथ संगीत और खेल भी सिखाया जा रहा

 
Jaipur दृष्टिबाधित बालिकाओं को पढ़ाई के साथ-साथ संगीत और खेल भी सिखाया जा रहा
जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर यहां से पढ़कर निकली लड़किया किसी पर निर्भर ना रहें और हर वो कला सीखे जिसमें उनकी रुचि हो। इसी सोच के साथ ब्लाइंड बच्चियों को सक्षम बनाने के लिए पिछले तीन साल से दिव्य ज्योति सेवा संस्थान जुटी हुई है। ब्लाइंड बच्चियों को पढ़ाने के लिए संस्थान की ओर से स्कूल संचालित किया जा रहा है। यहां पर बच्चियों को पढ़ाने के साथ-साथ क्राफ्ट, संगीत व खेल-कूद सहित अन्य कई तरह के हुनर भी सिखाएं जा रहे हैं। संस्थान की अध्यक्ष रेनू शर्मा ने इनके लिए दिव्य ज्योति ब्लाइंड गर्ल्स स्कूल खोला है। इस स्कूल में प्रदेश के अलावा यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल से आई हुई छात्राएं भी शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। अभी 6 से 23 वर्ष उम्र की 38 बालिकाएं हैं जो अपना भविष्य रोशन करने के लिए स्कूल में अध्ययन कर रही हैं। इन्हें पढ़ाने के लिए 8 टीचर्स का स्टाफ भी है, जिनमें से 5 ब्लाइंड टीचर्स है वे ब्रेल पद्घति के साथ बच्चों को विभिन्न विषयों की शिक्षा मुहैया करवा रहे हैं।

पढ़ाई के साथ खाने और रहने की निशुल्क व्यवस्था, साल भर में एक बार टूर भी

यहां पर पढ़ने के लिए आने वाली बच्चियों के लिए रहने और खाने की निशुल्क व्यवस्था भी है। दिव्य ज्योति स्कूल आवासीय स्कूल है। ये नेत्रहीन बालिकाओं के लिए जिले का पहला स्कूल है। जहां पर इनका ध्यान रखने के लिए महिला कर्मचारियों को भी लगाया गया है। वहीं स्कूल में नियमित तौर पर कंप्यूटर चलाना सिखाया जाता है। किसी भी क्षेत्र में पीछे न रहे इसके लिए समय-समय पर कार्यशाला का आयोजन किया जाता है, जिसमें सेल्फ डिफेंस के साथ क्राफ्ट की चीजें बनाना, डांस, गाना और खेल कूद भी कराया जाता है। कुछ बच्चियां क्रिकेट भी खेलती हैं। हाल ही में इन्हें सालासर और खाटूश्याम मंदिर भी घुमाया गया। अब संस्था का उद्देश्य है कि इस साल 100 से अधिक बच्चों को पढ़ाकर उनके स्कील्स के आधार पर रोजगार से जोड़ा जाए।