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Jaipur पशु चिकित्सकों की हड़ताल व कार्य बहिष्कार से ठप हुआ पशुओं का इलाज व कामधेनु बीमा योजना

 
Jaipur पशु चिकित्सकों की हड़ताल व कार्य बहिष्कार से ठप हुआ पशुओं का इलाज व कामधेनु बीमा योजना

जयपुर न्यूज़ डेस्क, पशुपालन विभाग में नॉन प्रेक्टिस अलाउंस (एनपीए) लागू करवाने के लिए प्रदेश के दो हजार पशु चिकित्सक सोमवार से कार्य बहिष्कार कर सामूहिक अवकाश लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल कर दी। इससे प्रदेशभर में पशुओं का इलाज व कामधेनू बीमा योजना से बीमा करने का काम ठप हो गया। पशु चिकित्सालयों में पशु चिकित्सक नहीं होने से से आउटडोर पशुओं को इलाज नहीं हो पाया। पशुओं का वैक्सीनेशन भी बंद रहा।

पशु चिकित्सकों की हड़ताल के कारण निदेशालय गोपालन, निदेशालय पशुपालन, राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड, जीव जंतु कल्याण बोर्ड तथा राजस्थान वेटरिनरी काउंसिल संस्थाओं में कार्यरत अतिरिक्त निदेशक, संयुक्त निदेशक समेत सभी पशु चिकित्सक सामूहिक अवकाश पर रहे। नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क, चिड़ियाघर, नगर निगम जयपुर में प्रतिनियुक्ति पर लगे पशु चिकित्सक अवकाश पर रहे।

जिला कार्यालय के संयुक्त निदेशक व उपनिदेशक के साथ-साथ पॉलिक्लिनिक, लैबोरेट्री, ब्लॉक वेटरनरी हेल्थ ऑफिस प्रथम श्रेणी, पशु चिकित्सालय के साथ-साथ सभी पशु चिकित्सालयों पर कार्यरत पशु चिकित्सक हड़ताल पर रहे। इससे जयपुर के पांच बत्ती स्थित पॉलीक्लिनिक में अव्यवस्थाएं बनी रही। अनेक डॉग मालिक व पशुपालक अपने पालतू पशुओं को बिना इलाज के लौटे। पॉलीक्लिनिक का मेडिसिन विभाग, सर्जरी विभाग, गाइनी विभाग, रेडियोलॉजी विभाग सहित अन्य विभाग बंद रहे।

लेबोरेट्री बंद होने से पशुपालक एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड और खून की जांचों के लिए रिपोर्ट का इंतजार करते रहे। गौरतलब है कि बजट घोषणा की अनुपालना में वित्त विभाग ने 750 करोड रुपए खर्च कर 80 लाख कामधेनु पशु बीमा योजना का प्रावधान रखा है।

जिसमें से 6 सितंबर को शुभारंभ के दिन 1300 पशु बीमा किए गए थे, लेकिन इन 1300 पशुपालकों को भी अब तक पॉलिसी नहीं मिली है। वेटरनरी डॉक्टर एसोसिए शन के मीडिया इंचार्ज नरेंद्र जाखड़ ने बताया कि पशु बीमा योजना में वेटरनरी डॉक्टर को घर घर जाकर बीमा करना होगा। यह उनकी ड्यूटी से दूसरा काम है। इसके बदले एनपीए देना का प्रावधान है। केंद्रीय वेतन आयोग ने भी इसकी सिफारिश कर रखी है।