Jaipur जेईई एडवांस्ड में टॉपर ने रिकॉर्ड 98.61% अंक हासिल किए
जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर आईआईटी में दाखिले के लिए होने वाले जेईई एडवांस्ड का परिणाम जारी होने के साथ दो नए रिकॉर्ड बन गए। इसमें पहली बार टॉपर ने 98.61% अंक हासिल कर सबसे अधिक स्कोर करने का रिकॉर्ड बनाया। दूसरा एडवांस्ड शुरू होने के बाद पहली बार टॉप-10 छात्रों का कट ऑफ प्रतिशत 90 से अधिक रहा।
मूलत: इंदाैर के रहने वाले और आईआईटी दिल्ली जोन से परीक्षा देने वाले वेद लाहोटी ने 360 में से 355 अंक स्कोर कर ऑल इंडिया रैंक-1 हासिल की। कोटा से तैयारी करने वाले वेद ने केमिस्ट्री में 120 में से 120, फिजिक्स में 118 और मैथ्स में 117 अंक हासिल किए। वहीं, आईआईटी बॉम्बे जोन की द्विजा धर्मेशकुमार पटेल ने छात्राओं की श्रेणी में पहला स्थान हासिल किया। कॉमन मेरिट लिस्ट में उन्होंने 92.22% अंकों के साथ सातवां स्थान हासिल किया। एडवांस्ड के ऑर्गेनाइजिंग चेयरपर्सन ने बताया कि कॉमन रैंक लिस्ट की सब्जेक्ट वाइज कट ऑफ 10 अंक और ओवरऑल कट ऑफ अंक 109 रहे। रैंक-1 और रैंक-2 के बीच नौ अंकों का फर्क रहा। जो कि एडवांस्ड के लिहाज से काफी अधिक है। जोनवाइज आईआईटी मद्रास पहले स्थान पर रहा।
टॉप 100 में गुवाहाटी जोन से मात्र दो स्टूडेंट शामिल हुए हैं। ऑल इंडिया 96 रैंक हासिल कर पटना के अनिकेत जोन के सेकेंड टॉपर बने तो मुजफ्फरपुर के प्रथम (ऑल इंडिया रैंक: 343) ने पांचवां स्थान हासिल किया है।
ओवरऑल कट ऑफ अंक 109 रहा
दोस्तों के साथ 1-1 अंक की लड़ाई - वेद
तैयारी के वक्त 1-1 अंक को लेकर दोस्तों से कम्पीटिशन मिलता था। क्लास में भी डाउट्स पर बहुत अच्छे डिस्कशन होते थे। इससे टॉपिक्स क्लियर होते गए और सब्जेक्ट स्ट्रांग हो गए।-वेद लाहोटी
1.86 लाख में से 1.80 लाख ने परीक्षा दी थी। इसमें से 48,248 क्वालिफाई हुए। इनमें से 40,284 छात्र और 7,964 छात्राएं हैं।
मार्क्स कम आए तो हताश नहीं हाेना: द्विजा
आत्मविश्वास मजबूत होना बहुत जरूरी है। मार्क्स कम आएंगे पर, हताश नहीं होना है। पढ़ाई में किस जगह कमजोर हैं, आपको उसका पता लगाकर खुद को मजबूत बनाना होगा। -द्विजा पटेल
टॉप-100 में आईआईटी बॉम्बे व दिल्ली जोन का दबदबा रहा। टॉप में बॉम्बे जोन से 30 व दिल्ली जोन से 29 छात्रों ने जगह बनाई।
एक्सपर्ट व्यू: हाई स्कोरिंग रहा रिजल्ट, ड्रॉपर्स की अच्छी परफॉर्मेंस
रिजल्ट पिछले सालों की तुलना में हाई स्कोरिंग रहा। कट ऑफ पिछले 5 सालों की तुलना में अधिक है। दूसरी खास बात है कि ड्रॉपर्स का अधिक सेलेक्शन हुआ है। जिन छात्रों ने हाई कॉन्फिडेंस के साथ फंडामेंटल लेवल पर तैयारी की थी, उन्हें फायदा मिला है क्योंकि इस बार सवाल टफ न हो कर इनोवेटिव माइंडसेट से तैयार किए गए थे।-