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जयपुर के यातायात का खाका तैयार, फुटेज में जानें 2055 तक बनेगा 129.55 किमी मेट्रो नेटवर्क, बस कनेक्टिविटी भी होगी मजबूत

जयपुर के यातायात का खाका तैयार, फुटेज में जानें 2055 तक बनेगा 129.55 किमी मेट्रो नेटवर्क, बस कनेक्टिविटी भी होगी मजबूत
 
जयपुर के यातायात का खाका तैयार, फुटेज में जानें 2055 तक बनेगा 129.55 किमी मेट्रो नेटवर्क, बस कनेक्टिविटी भी होगी मजबूत

राजधानी जयपुर के बढ़ते यातायात दबाव और भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने एक दूरदर्शी योजना तैयार की है। शहर के समग्र यातायात प्रबंधन को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से जेडीए ने ‘कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान 2055’ का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। मंथन सभागार में आयोजित बैठक में जयपुर विकास आयुक्त की मौजूदगी में राइट्स लिमिटेड ने इस ड्राफ्ट की प्रस्तुति दी, जिसमें शहर के परिवहन ढांचे को अगले 30 वर्षों के लिए व्यवस्थित करने की रूपरेखा शामिल है।

बैठक में बताए गए आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में जयपुर में लगभग 35.9 लाख वाहन पंजीकृत हैं। निजी वाहनों की बढ़ती संख्या के कारण सड़क क्षमता पर दबाव लगातार बढ़ रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए योजना की पहली प्राथमिकता सार्वजनिक परिवहन के नेटवर्क को व्यापक और सुलभ बनाना रखा गया है, ताकि आम नागरिक निजी वाहनों पर निर्भर रहने के बजाय मेट्रो और बस सेवाओं का अधिक उपयोग करें।

ड्राफ्ट प्लान के अनुसार वर्ष 2055 तक जयपुर जिले में कुल 129.55 किलोमीटर लंबा विस्तृत मेट्रो नेटवर्क तैयार किया जाएगा। इससे शहर के विभिन्न इलाकों को तेज और सुगम कनेक्टिविटी मिलेगी। वहीं, बस कनेक्टिविटी को मजबूत करने के उद्देश्य से 245 किलोमीटर का नया बस रूट नेटवर्क प्रस्तावित किया गया है। इस योजना के तहत शहर में फिलहाल उपलब्ध बसों की संख्या में बड़ा इजाफा करते हुए उन्हें बढ़ाकर 4050 तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही, मेट्रो स्टेशनों और प्रमुख मार्गों को जोड़ने के लिए 214 किलोमीटर लंबा फीडर नेटवर्क भी विकसित किया जाएगा, जिससे यात्रियों को अंतिम छोर तक परिवहन सुविधा मिलेगी।

शहर में लगातार बढ़ती ट्रैफिक जाम की समस्या से निपटने के लिए भी कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स प्रस्तावित किए गए हैं। ड्राफ्ट में 25 प्रमुख लोकेशनों पर फ्लाईओवर और अंडरपास निर्माण की योजना शामिल है। इसमें ओटीएस सर्किल से जवाहर सर्किल तक एलिवेटेड रोड, टोडी मोड़, विजय द्वार जैसे प्रमुख ट्रैफिक प्वाइंट शामिल हैं, जहां रोजाना भारी मात्रा में जाम की स्थिति बनती है। इन संरचनाओं के बनने से शहर के मुख्य मार्गों पर यातायात का सुचारू प्रवाह सुनिश्चित होगा।

इसी तरह रेल क्रॉसिंग पर रुकने की समस्या को खत्म करने के लिए 10 नए आरओबी (रेलवे ओवर ब्रिज) और आरयूबी (रेलवे अंडर ब्रिज) निर्माण का भी प्रस्ताव है। इन प्रोजेक्ट्स के पूरे होने पर शहर के कई इलाकों में यात्रा समय में उल्लेखनीय कमी आएगी और आपातकालीन परिस्थितियों में भी आवागमन बाधित नहीं होगा।

जयपुर विकास प्राधिकरण इस प्लान के माध्यम से न केवल वर्तमान चुनौतियों का समाधान खोजने बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुव्यवस्थित, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन प्रणाली विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस योजना पर प्रभावी क्रियान्वयन से जयपुर न केवल राजस्थान बल्कि देश के सबसे स्मार्ट और सुविधाजनक शहरों की श्रेणी में शामिल होगा। प्राधिकरण जल्द ही ड्राफ्ट पर जन सुझाव भी आमंत्रित करेगा, जिसके आधार पर अंतिम रूप दिया जाएगा।