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Jaipur व्यावसायिक पट्टे पर मिलेगा मीट शॉप का लाइसेंस

 
Jaipur  व्यावसायिक पट्टे पर मिलेगा मीट शॉप का लाइसेंस
जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर ग्रेटर निगम में अब मीट की दुकान चलाने के लिए व्यावसायिक पट्टा होने पर ही लाइसेंस जारी किया जाएगा। सोमवार को कार्यकारिणी समिति की बैठक में सर्वसम्मति से ये फैसला लिया गया। छह घंटे तक बैठक चली। सामाजिक सहायक एवं लोक कल्याण समिति अध्यक्ष गजेंद्र सिंह चिराणा ने करणी पैलेस रोड पर संचालित मीट की दुकान का मुद्दा उठाया। इसके बाद महापौर व अन्य सदस्यों ने प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए कहा। बैठक में तय हुआ कि लाइसेंस लेने के बाद दुकान पर लिखना होगा कि मीट झटका है या हलाल ताकि खरीदते समय ग्राहकों को जानकारी रहे। जो दुकानें आवासीय इलाकों में हैं, उनका लाइसेंस नवीनीकरण नहीं किया जाएगा। साथ ही थड़ियों में चलने वाली दुकानों को निगम बंद कराएगा। ग्रेटर निगम सीमा क्षेत्र में 300 दुकानें लाइसेंस के साथ चल रही हैं। जबकि, 100 दुकानों के लाइसेंस के आवेदन लम्बित हैं। करीब 20 माह बाद हुई बैठक के एजेंडे में 53 प्रस्ताव थे, इनमें से 51 पर मोहर लग गई। मीट की दुकानों का प्रस्ताव अतिरिक्त के रूप में शामिल किया गया था। जलभराव के दौरान मिट्टी के कट्टों में कम वजन को लेकर भी सदस्यों ने बैठक में सवाल खड़े किए। वहीं, टोंक रोड और बिंदायका में एक सड़क के नामकरण को लेकर प्रस्ताव पर महापौर ने रिपोर्ट मांगी।बैठक में उप महापौर पुनीत कर्णावट, समिति सदस्य अभय पुरोहित, जितेंद्र श्रीमाली, अरुण शर्मा, अजय चौहान, प्रवीण यादव, रश्मि सैनी सहित अन्य मौजूद रहे।

छह घंटे चली बैठक

बैठक में सदस्यों ने पट्टे जारी करने में हो रही देरी पर नाराजगी जाहिर की। यहां तक कहा कि अधिकारी और कर्मचारी मनमानी करते हैं और लोगों को चक्कर लगाने के लिए मजबूर होना पड़ता है। पट्टे की 2700 फाइलें लम्बित हैं। महापौर ने इन फाइलों का एक माह में निस्तारण करने के निर्देश दिए। फाइलों में कागजों की पूर्ति अगले 15 दिन में कराने के लिए भी महापौर ने अधिकारियों से कहा। सफाई समिति के चेयरमैन रामस्वरूप मीणा ने कहा कि मेरा पट्टा ही नहीं मिला। जबकि, मेरे माता-पिता यहां कई बार चक्कर लगा चुके।

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निराश्रित जानवर

जनभावना और लगातार आ रहीं शिकायतों को देखते हुए मीट की दुकानों को लेकर फैसला लिया गया है। फायर एनओसी भी समय पर जारी करने के लिए कहा है। पट्टा जारी करने में देरी नहीं हो, इसके लिए भी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। इसके बाद भी कोई काम नहीं करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पार्कों का रखरखाव जन सहभागिता से किया जाएगा। इसके लिए एक समिति का गठन भी किया गया है। समिति नियमों को बनाएगी। भामाशाहों से लेकर विभिन्न संस्थाओं और सीएसआर से उद्यान समिति अध्यक्ष राखी राठौड़ ने कहा कि हर वार्ड में पार्षद 50 घरों का पता दे दें तो वहां पर निगम पौधे लगाएगा।