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Jaipur अंग प्रत्यारोपण मामले में तीन डॉक्टरों को इस्तीफा देने को कहा गया

 
Jaipur अंग प्रत्यारोपण मामले में तीन डॉक्टरों को इस्तीफा देने को कहा गया
जयपुर न्यूज़ डेस्क,  राजस्थान में फर्जी तरीके से ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए एनओसी जारी करने के मामले में सोमवार को तीन डॉक्टरों के इस्तीफे मंजूर हो गए। इस प्रकरण में चल रही जांच में इन तीनों की भूमिका संदिग्ध आ रही थी। इसके आधार पर सरकार ने सवाई मानसिंह (SMS) मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजीव बगरहट्टा, एसएमएस हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा और स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (सोटो) के चेयरमैन डॉ. सुधीर भंडारी से इस्तीफे मांगे थे। सरकार को डॉक्टरों ने इस्तीफा भेज दिया जिसे मंजूर कर लिया गया।

अप्रैल में एसीबी ने रिश्वत लेकर ऑर्गन ट्रांसप्लांट की एनओसी देने के मामले में एसएमएस हॉस्पिटल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी के अलावा प्राइवेट हॉस्पिटल फोर्टिस और ईएचसीसी के एक-एक अधिकारी को पकड़ा था। इसके बाद एसएमएस अस्पताल प्रशासन ने सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह को सस्पेंड कर दिया था। वहीं मेडिकल हेल्थ डिपार्टमेंट ने इस मामले में ईएचसीसी, फोर्टिस एस्कोर्ट और मणिपाल हॉस्पिटल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट करने के लाइसेंस को रद्द कर दिया।

राज्यपाल को भेजी जा सकती है रिपोर्ट

अब राज्य सरकार इस प्रकरण की जांच रिपोर्ट राज्यपाल कलराज मिश्र को भेज सकती है, ताकि रिपोर्ट के आधार पर आरयूएचएस के वाइस चांसलर डॉ. सुधीर भंडारी को पद से हटाया जा सके। भंडारी की नियुक्ति तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के शासनकाल में हुई थी। भंडारी एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल भी रह चुके हैं।