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Jaipur जो अपने लिए नहीं दूसरों के लिए जीते हैं वे इतिहास में चमकते हैं

 
Jaipur जो अपने लिए नहीं दूसरों के लिए जीते हैं वे इतिहास में चमकते हैं
जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर जिंदगी जीना ही काफी नहीं है, उसमें खुशियों के रंग भरना भी जरूरी है। जन्म और मृत्यु के बीच के काल को जीवन नहीं कहा जाता, इस काल में आपने समाज और प्रकृति के लिए जो किया वही वास्तविक जीवन है। यह बात श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष एवं श्रीकृष्ण जन्मभूमि के उपाध्यक्ष स्वामी गोविंदगिरि महाराज ने मंगलवार को अपने प्रवचन में कही। विद्याश्रम स्कूल के सभागार में जीवन प्रबंधन पर तीन दिवसीय व्याख्यान का समापन मंगलवार को हुआ। इसके साथ ही महाराज ने जीवन के अर्थ के बारे में भी उपदेश दिये। उन्होंने कहा कि जो लोग इतिहास में चमकते हैं वे अपने लिए नहीं जीते, बल्कि दूसरों के लिए महान कार्य करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने चेतक घोड़े का उदाहरण देते हुए कहा कि 400 साल पहले एक घोड़े का निधन हो गया था और इतिहास आज तक उसे भूल नहीं पाया है.

महाराज ने 30 साल पुरानी कहानी भी सुनाई और कहा कि वे पाली में कथा सुनाने गए थे, मेजबान ने पूछा कि एक दिन का समय है, आप कहां घूमना चाहते हैं, तो मैंने कहा चित्तौड़गढ़ जहां चेतक चबूतरा बना है। इससे यह सीख मिलती है कि लोग आपको केवल इसलिए याद रखेंगे क्योंकि आपने अपने परिवार और रिश्तेदारों के अलावा दूसरों के लिए अच्छा काम किया है।

'जैसे-जैसे उपयोगिता बढ़ती है, मूल्य बढ़ता है'

स्वामी गोविंदगिरि महाराज ने अपने व्याख्यान में कहा कि लोहे के टुकड़ों का उपयोग जूते, औजार, घड़ी से लेकर विमान तक में किया जाता है। इसके लिए बस एक लोहे का टुकड़ा चाहिए, लेकिन जैसे-जैसे इसकी उपयोगिता बढ़ती है, इसका मूल्य और भी बढ़ जाता है। ऐसा ही मानव जीवन है, आप इसे जिस काम में उपयोग करते हैं उसी के अनुसार आपके जीवन का मूल्य और उपयोगिता भी बढ़ती है। जब चेतक ने महाराणा प्रताप से युद्ध किया तो वह अमर हो गया। धन इकट्ठा करने से ख़ुशी नहीं मिलती, दोनों हाथों से प्यार बांटो और देखो ख़ुशी आपके चेहरे पर लौट आएगी। प्रवचन के समापन पर गोविंदगिरि महाराज का दामोदर, मनोज सिंघल, मनोज अग्रवाल ने माला पहनाकर स्वागत किया। इस दौरान ब्रह्मा सावित्री वेद विद्यापीठ ट्रस्ट पुष्कर के सचिव सीए संदीप झंवर, सह सचिव अरुण अग्रवाल सहित अन्य मौजूद रहे।