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जयपुर, मौत के आंकड़ों को छिपाने में किरकिरी करा चुका चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, जानिए सच

 
मौत के आंकड़ों को छिपाने में किरकिरी करा चुका चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, जानिए सच 

जयपुर न्यूज़ डेस्क, कोरोना महामारी के दौरान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से दर्ज किए गए वीडियो और मौत के आंकड़े अभी भी जारी हैं. मच्छर जनित मलेरिया, क्रिएटिन, चिकनगुनिया और स्टेटिक टाइफस जैसी खतरनाक बीमारियों का आर्थिकरण करने के बजाय चिकित्सा विभाग आंकड़ों में हेराफेरी कर रहा है। राज्य में अब तक घुन या पिस्सू के टुकड़ों से होने वाले जंगल स्केटिंग टाइफस या बुश टाइफस के 2443 मामले पाए गए हैं।

विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, 2443 में से 4 की मौत दिखाई गई है। दौसा, सीकर, कोटा और धौलपुर में एक-एक मामला सामने आया है, जहां 4 लोगों की मौत हुई है, जबकि राज्य के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल में 29 लोगों की मौत हुई है। यह कार्य विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रमाणित कार्ड परीक्षण के माध्यम से भी किया जा सकता है। इधर, समीक्षा बैठक के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) शुभ्रा सिंह ने बुश टाइफस के नियंत्रण के लिए प्रभावित विद्यार्थियों के लिए कोलाइड विभाग से सहयोग लेकर फिल्म शूट करने के निर्देश दिए हैं.

विशेषज्ञ की ओर से समय पर जांच और मौत के आंकड़ों की जानकारी नहीं दी गयी.
परीक्षण के संबंध में प्रयोगशाला विभाग की बैठक की जानकारी के बाद भी इंजेक्शन नहीं देना
मरा नहीं।
मॉनिटरिंग सिस्टम फेल हो गया.
जनवरी से अब तक 727 में से 29 मौतें एसएमएस में।
अगस्त में 229 से 11 मौतें, सितंबर में 176 से 11 मौतें और अक्टूबर में 115 मौतें हो चुकी हैं।
राज्य में कौन सी बीमारी प्रचलित है?

रेटिंग: 12254

मलेरिया: 2107

चिकनगुनिया: 176