Jaipur युवाओं में 'पेपर आउट' का तनाव ज्यादा, 'मददगार' साबित हो रहा टेली मानस सिस्टम
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जयपुर न्यूज़ डेस्क, प्रदेश के युवा चिंता में उदासी, डिप्रेशन, नींद में खलल, तनाव, पेपर आउट और परीक्षा में असफल होने पर मानसिक रोग का शिकार हो रहे हैं। साथ ही मां-बाप के सपने को पूरा करने में असफल और दबाव के चलते गलत राह पर जा रहे है।
टेली मानस हेल्प लाइन नंबर पर पांच माह में आने वाली 2300 कॉल में 18 से 30 साल तक की उम्र के युवा और इसमें भी 80 फीसदी पुरुष शामिल है, जबकि 20 फीसदी महिला शामिल है। तीन फीसदी इमरजेंसी व छह फीसदी प्रैंक कॉल थी। उदासी, चिंता और पारिवारिक संघर्ष आम शिकायतें मिली, लेकिन टेली मानस हेल्प लाइन नंबर युवाओं के जीवन बचाने में अहम भूमिका निभा रहे है। यह खुलासा राज्य सरकार की ओर से टेली मानस हैल्प लाइन नंबर पर आने वाली शिकायतों के एनालिसिस के दौरान हुआ है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) शुभ्रा सिंह ने मन में किसी तरह के गलत विचार आना, डिप्रेशन या किसी भी मानसिक स्वास्थ्य संबंधी मामलों के टोल फ्री हैल्प लाइन नंबर पर संपर्क करने की अपील की है, जिससे युवाओं में गलत रास्ते पर जाने से रोकना आसान है।
टेली-मानस सुविधा के जरिए आप एक कॉल पर भूलने की बीमारी, अवसाद, उदासी, काम में मन न लगना, मन में खुदकुशी के विचार आना समेत अनेक मानसिक परेशानियों का उपचार पा सकते हैं। टोल फ्री हैल्प लाइन नंबर 14416 या 1800-89-14416 पर उपचार एवं परामर्श ले सकते है।
एसएमएस मेडिकल कॉलेज के मनोचिकित्सा विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉ.परमजीत सिंह का कहना है कि कोरोना महामारी के बाद युवाओं में ज्यादा मानसिक रोग का ग्राफ दिनोंदिन बढ़ रहा है।
नीट, रीट जैसी परीक्षा में मां-बाप पहले से ही ये सोच लेते है कि मेरे बच्चे का चयन होना तय है। यानि ज्यादा आकांक्षाएं ज्यादा रखने व चयन होने का दवाब बनाए रखते है। मेहनत करने के बावजूद असफलता मिलने पर गलत रास्तों की बजाय दिमाग डायवर्ट के साथ सकारात्मक सोच से जीवन बदल सकता है। हमें कही भी सक्सेसफुल को आईक्यू का मापदंड नहीं बनाने की अपील की है।