Jaipur सिसोदिया रानी का बाग में 4 करोड़ की लागत से हुआ संरक्षण, 66 म्यूरल आर्ट बने
![Jaipur सिसोदिया रानी का बाग में 4 करोड़ की लागत से हुआ संरक्षण, 66 म्यूरल आर्ट बने](https://aapkarajasthan.com/static/c1e/client/91529/uploaded/a070083f1076c7e24725506ad36b8ba1.webp?width=968&height=500&resizemode=4)
गौरतलब है कि राज्य में आगामी पर्यटन सीजन को देखते हुए राजस्थान पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग ने शहर के सभी महलों और किलों में नियमित रखरखाव और संरक्षण कार्य शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि वर्ष 2012 में उद्यान की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी विभाग से पुरातत्व विभाग को सौंप दी गई थी। केसर क्यारी, दलाराम बाग और सुख निवास के सामने लगे फव्वारों का जीर्णोद्धार होगा, मावठे और सागर की भी मरम्मत होगी. आमेर महल में पार्किंग की सुविधा बढ़ाई जाएगी। परियों के बाग के पास खाली जगह पर नई पार्किंग तैयार की जाएगी। अभी तक मावठे, हाथी स्टैंड और चांदपोल गेट के पास पर्यटकों के लिए पार्किंग की व्यवस्था है। केसर क्यारी, दलाराम बाग और सुख निवास के सामने लगे फव्वारों का जीर्णोद्धार कर उन्हें दुरुस्त किया जाएगा। कई फव्वारों की पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हो गई है, जिससे वे ठीक से काम नहीं कर रहे थे। इन सभी को नए सिरे से तैयार किया जाएगा। मावठे और सागर में भी जल्द ही मरम्मत का काम शुरू होगा।
इंटरप्रिटेशन सेंटर में पर्यटक जानेंगे उद्यान का इतिहास
आगंतुकों को इस स्थान का इतिहास बताने के लिए जंतर-मंतर की तर्ज पर इंटरप्रिटेशन सेंटर बनाया गया है। इसमें पर्यटक प्रोजेक्टर की मदद से उद्यान का इतिहास जान सकेंगे। यह जानकारी हिंदी और अंग्रेजी में होगी। यहां एसी लगाए गए हैं। ऑडियो-विजुअल सुविधा भी शुरू की जाएगी। आमेर विकास एवं प्रबंधन प्राधिकरण (एडीएमए) के सहायक अभियंता राजेंद्र गुप्ता का कहना है कि महल में पहले से बनी कलाकृतियां, जो बारिश और नमी के कारण खराब होने लगी थीं, उन्हें संरक्षित किया गया है। पहले यहां साधारण फव्वारे ही थे। अब उनकी जगह नए म्यूजिकल फव्वारे लगाए गए हैं। उद्यान में नए फूलों के पौधों की संख्या बढ़ाई गई है। आने वाले दिनों में विद्याधर उद्यान के भीतरी हिस्सों में संरक्षण कार्य किया जाएगा।