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Jaipur शंकराचार्य ने कहा- गौ माता को पशुओं की सूची से हटाकर राष्ट्रमाता का दर्जा दिया जाना चाहिए

 
Jaipur शंकराचार्य ने कहा- गौ माता को पशुओं की सूची से हटाकर राष्ट्रमाता का दर्जा दिया जाना चाहिए
जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर लोकसभा चुनाव 2024 में एक बार 'गाय' के मुद्दे की एंट्री हो गई है। ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद गाय को राष्ट्र माता बनाने की मांग के साथ गौ माता प्रतिष्ठा संकल्प यात्रा शुरू कर रहे हैं। राजस्थान में इसकी शुरुआत करने से पहले उन्होंने एक बार फिर देश में भाई दल और कसाई दल का जिक्र किया। ज्योतिष पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज राजस्थान परिक्रमा गौ माता प्रतिष्ठा संकल्प यात्रा पर आए हुए हैं। गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा दिलवाने के लिए लोगों को प्रेरित करने के साथ ही भाई पार्टियों को वोट देने के लिए इस यात्रा के माध्यम से संकल्प करवा रहे हैं। सोमवार को महेश नगर में प्रेसवार्ता के दौरान शंकराचार्य ने कहा कि कसाई पार्टी और भाई पार्टी मुहिम चुनाव से पहले शुरू की थी। देश में लगभग 2615 राजनीतिक दल पंजीकृत है। उन्होंने कहा कि आजादी के पहले से मांग करते चले आ रहे हैं कि हमारी गौ माता की हत्या नहीं होनी चाहिए और उसे पशु की सूची से हटकर अलग सूची में राष्ट्र माता के रूप में दर्जा दिया जाना चाहिए। हालांकि अब तक कोई सामने नहीं आ रहा था, फिर हमने यह कहा कि जो सामने नहीं आएगा उसे हम समझेंगे कि क्या वह आगे भी गौ हत्या को जारी रखना चाहता है।

76 पार्टियों ने शपथ पत्र देकर अपने आपको भाई पार्टी के रूप में वह गठबंधन में शामिल कर लिया। लेकिन अभी तक सत्ता में रही पार्टियों ने ऐसा कोई शपथ पत्र नहीं दिया। इसलिए हमारी नजर में वह कसाई पार्टियां है ऐसी पार्टियों को वोट देने वालों को दोष लगता है। इसलिए गौ भक्तों ने वोट नहीं दिए। इसका परिणाम यह रहा कि जहां भी चुनाव हो गए वह 5 से 10% वोट घटा है। संकल्प यात्रा चल रही है अब राजस्थान में आए हैं और 50 जिलों में जाएंगे। 2014 में कहा गया था कि हमकों मतदान गाय को जीवनदान, इसके बाद कुछ भी नहीं हुआ।

गाय को पशु सूची से हटकर राष्ट्र माता के रूप में दर्ज किए जाने की मांग उठाई

ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य ने जयपुर प्रवास के दौरान भी उन्होंने गाय को पशु सूची से हटकर राष्ट्र माता के रूप में दर्ज किए जाने की मांग उठाई, साथ ही बताया कि सभी राजनीतिक दलों से अनुरोध किया था कि देश मे गौ माता की हत्या नहीं होनी चाहिए। उसे पशु की सूची से हटा करके राष्ट्र माता के रूप में दर्ज किया जाना चाहिए। इस पर कोई सामने नहीं आया, तब ये तय किया कि जो सामने नहीं आएगा, वो आगे भी गौ हत्या जारी रखना चाहते हैं और जो गौ हत्या करे वो कसाई ही होता है. जो गाय को माता मानने वाला होगा वो भाई दल होगा। इसलिए भाई पार्टी और कसाई पार्टी की सूची अलग की गई और फिर वृंदावन से दिल्ली तक नंगे पांव पदयात्रा की, ताकि इस और ध्यान आकर्षित हो जाए। उन्होंने राजनेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि लोग जादूगरी कर रहे हैं। कहते हैं गर्व से कहो हम हिंदू हैं, लेकिन हिंदू जिसे मां कहता है, उसे काट कर बेचा जा रहा है। ऐसे में कैसे गर्व से कहेंगे। गर्व तब होगा जब गाय को मां के जैसा सम्मान दे सके और एक समय ऐसा आएगा जब 90% से ज्यादा हिंदू राजनीतिक दलों को वोट देना बंद कर देंगे। अभी जो वोट दे रहा है, वो समझता है कि ये गाय की रक्षा करेंगे। 2014 में भी कुछ इसी तरह का नारा दिया गया था, लेकिन आज 10 साल बाद क्या स्थिति है।

गौ रक्षक को गुंडा-बदमाश नहीं, बल्कि धर्मवीर बताया

इस दौरान उन्होंने गौ रक्षक को गुंडा-बदमाश नहीं, बल्कि धर्मवीर बताया। साथ ही कहा कि गो रक्षक की असली हिंदू धर्म की रक्षक हैं। उन्हें एक दर्जा मिलना चाहिए और जहां तक मॉब लिंचिंग का सवाल है, तो कोई ट्रक जा रहा है तो वहां पर तो कोई भीड़ नहीं होती। जब ट्रक रोककर किसी को मारा भी गया तो उसका कारण देखना पड़ेगा। वहीं, उन्होंने बताया कि आज विदेशी नस्ल और संकरी गाय को भी गाय कहा जा रहा है। इन सबको मिलाकर के देश में 17 करोड़ गाय हैं। उनमें से देशी गाय एक-डेढ़ करोड़ भी नहीं होगी। आज इन्हीं देशी गाय को ढूंढकर ज्यादा दाम देकर काटने के लिए मंगाया जाता है। यदि आज नहीं जागे तो 5 साल बाद ये गाय भी नहीं मिलेंगीं।

उन्होंने कांग्रेस और कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राम मंदिर का शुद्धिकरण करने की बात कहने वाले कांग्रेस को पहले खुद का शुद्धिकरण करना चाहिए। ये कांग्रेस का ही दोष है कि आज गाय की देश में ये स्थिति है। इतिहास उठाकर देख लीजिए, जहां भी कांग्रेस का राष्ट्रीय और प्रांतीय अधिवेशन होता था, उससे पहले गौ रक्षक सम्मेलन करते थे। स्वराज आ गया तो गाय बचाने की बात करते थे, तब कांग्रेस हिंदुओं के वोट से चुनकर के आई, लेकिन इन्होंने गौ हत्या को जारी रखा। 75 साल में 55 साल राज किया, लेकिन गौ हत्या को बढ़ावा देते रहे और उसी तरह आज की सरकार बढ़ावा दे रही हैं। जबकि शुरुआत में कांग्रेस ने गाय और बैल को अपना चुनाव चिह्न बनाया था। हाथ का चिह्न तो आज है, लेकिन जिस गाय पर मोहर लगवाई, उसी को काटा गया। इसलिए कांग्रेस को पहले अपना शुद्धिकरण करने की जरूरत है। केरल में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर बछड़ों को काटा, राहुल गांधी ने क्या कभी उनका विरोध किया। इसलिए पहले वो अपना शुद्धिकरण करे, मुंडन कराए, उसके बाद क्षमा याचना करे। उसके बाद मंदिर और दूसरे विषय में बात करें। उन्होंने देश में शंकराचार्य की संख्या पर तंज कसते हुए कहा कि आज देश में 44 शंकराचार्य घूम रहे हैं. उनमें से कई शंकराचार्य ऐसे हैं जो सत्ताधारी दल चाहे या विपक्ष चाहे वैसा बोल दें।