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Jaipur सर्वपितृ अमावस्या आज, ज्ञात-अज्ञात पित्तृों के निमित्त होगा तर्पण और पिंडदान

 
Jaipur सर्वपितृ अमावस्या आज, ज्ञात-अज्ञात पित्तृों के निमित्त होगा तर्पण और पिंडदान
जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर वर्ष की प्रमुख अमावस्या में से एक आश्विन मास की अमावस्या (सर्वपितृ अमावस्या) बुधवार को रहेगी। ज्योतिषविदों के मुताबिक पितृपक्ष में दान पुण्य के साथ ही पित्तृों के निमित्त तर्पण, श्राद्ध व पिंडदान का यह अंतिम मौका होगा। लोग गलता सहित अन्य तीर्थ स्थलों पर आस्था की डुबकी लगाएंगे। वहीं, बुधवार को कंकण सूर्यग्रहण भी रहेगा। हालांकि, भारत में नहीं दिखने के कारण इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा।ज्योतिषाचार्य पं.पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि जिन पूर्वजों की मृत्यु की तिथि ज्ञात नहीं हैं अथवा किसी कारणवश पितृपक्ष में नियत तिथि पर श्राद्ध नहीं कर पाए हैं, तो ऐसी स्थिति में इस दिन ज्ञात-अज्ञात पितृों के निमित्त श्राद्ध और तर्पण किया जा सकता है। सर्वपितृ अमावस्या पर देव पितृ कार्य और दान पुण्य सामान्य अमावस्या के अपेक्षा दस गुना अधिक फलदायी होगा।

‘पितरों के लिए है मोक्षदायिनी’

सर्वपितृ अमावस्या के दिन सभी ज्ञात और अज्ञात पितरों का श्राद्ध करने की परंपरा है। पूर्णिमा तिथि पर मृत्यु प्राप्त करने वालों का महालय श्राद्ध भी इसी दिन होगा। इस दिन सर्वार्थसिद्धि, इंद्र और ब्रह्मयोग का संयोग रहेगा।ऋषियों, देवताओं और पितरों की पूजा करने के बाद पंचबली अनुष्ठान के साथ ही 16 ब्राह्मणों को यथाशक्ति भोजन कराने या दान देने की परंपरा है। अश्विन मास की अमावस्या पितृ, अश्विन अमावस्या, बड़मावस व दर्श अमावस्या भी कहलाती है। इसे पितरों के लिए मोक्षदायनी अमावस्या भी माना जाता है। इसलिए पितृ पक्ष में सर्व पितृ अमावस्या को सबसे अधिक महत्वपूर्ण तिथि माना जाता है। इस दिन श्राद्ध पक्ष की समाप्ति पर पितृ लोक से आए हुए पितृजन अपने लोक लौट जाते हैं।