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Jaipur भर्ती नियमों में संशोधन हुआ तो 30 हजार के बदल गए अनुभव पत्र

 
Jaipur भर्ती नियमों में संशोधन हुआ तो 30 हजार के बदल गए अनुभव पत्र

जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर कांग्रेस सरकार के समय निकली सफाई कर्मी भर्ती में शुरू हुआ विवाद सरकार बदलने के बाद नहीं थम रहा है। अब नया विवाद भर्ती प्रक्रिया के बीच अनुभव प्रमाण-पत्र का नियम बदलने को लेकर खड़ा हो गया है। अब नए नियम के तहत निगम व निकायों में काम कर रहे अभ्यर्थियों को भर्ती में प्राथमिकता मिलेगी।ऐसे में 5 लाख आवेदकों पर तलवार लटक गई थी। हालांकि संशोधन के दौरान 2 अप्रैल तक 30 हजार ने नए अनुभव प्रमाण जमा करवाए मगर अब ऐसे 4.70 लाख अभ्यर्थी स्वत: ही भर्ती से बाहर हो गए, जिन्होंने किसी प्राइवेट फर्म, दुकानों अथवा घरों में कार्य करने का अनुभव प्रमाण-पत्र लगाया है। प्रदेशभर में पहले यह भर्ती करीब 13 हजार पदाें के लिए निकाली गई थी, जिसमें 8.40 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। अब पद बढ़ाकर 24,797 करने पर 9,20442 आवेदक हो गए हैं। इसमें एक मार्च से फिर से आवेदन मांगे जाने के बाद 80,442 अभ्यर्थी नए शामिल हुए हैं।

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तीन माह तक होंगे प्रेक्टिकल : निकायवार दिए गए पदों की तुलना में तीन गुना यानी करीब 75000 पात्र अभ्यर्थियों को लॉटरी के जरिए प्रैक्टिकल एग्जाम के लिए चयन किया जाएगा। सरकार ने इस भर्ती में प्रैक्टिकल टेस्ट अनिवार्य किया है, जो तीन महीने तक होगा। साथ ही वाल्मीकि और हैला समाज के अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी। दस्तावेज और प्रमाण पत्रों के अभाव में अभ्यर्थी को किसी भी स्तर पर हटाया जा सकेगा।
सबसे अधिक ग्रेटर निगम में 3670 पद : नगर निगम में 3,670 पदों पर भर्ती होगी। इसके अलावा बीकानेर में 1037, कोटा दक्षिण में 836, जयपुर हेरिटेज में 707 पदों पर भर्ती होनी है, जबकि सबसे कम इंद्रगढ़ में 5 पदों पर भर्ती होगी।
प्रैक्टिकल में कराएंगे नालों की सफाई और रोड स्वीपिंग : तीन महीने तक होने वाले प्रैक्टिकल एग्जाम में सफाई संबंधित कार्य, रोड स्वीपिंग, नालों की सफाई आदि मौके पर ही करवाया जाएगा। इसमें उपस्थिति, अनुभव, अवधि, योग्यता, कार्य कुशलता के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा।

नहीं मांगी कोई शैक्षणिक योग्यता : भर्ती में किसी भी प्रकार की शैक्षणिक योग्यता नहीं मांगी गई थी। यही वजह रही कि ऑनलाइन आवेदन पत्र में शैक्षणिक योग्यता का कोई काॅलम नहीं रखा गया था।
बड़ा सवाल : यदि 4.70 लाख आवेदन रद्द होते हैं तो क्या अभ्यार्थियों के करीब 20 करोड़ रु. वापस मिलेंगे

नए संशोधन के तहत सफाई कर्मचारी भर्ती में 2 अप्रैल तक नगरीय निकाय के सक्षम अधिकारी का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत नहीं करने वाले तकरीबन 4.70 लाख अभ्यार्थियों के आवेदन रद्द हो सकते हैं। ऐस‌े में संशय बना हुआ है कि अभ्यर्थियों को उनका जमा कराया गया शुल्क वापस मिलेगा या नहीं। संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई श्रमिक संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डिंडोरिया के मुताबिक 4.70 लाख आवेदनों में से तकरीबन एक लाख एसी, एक लाख एसटी, एक लाख ओबीसी व एमबीसी और 1.70 लाख सामान्य वर्ग के होंगे। एसी, एसटी और ओबीसी अभ्यर्थियों से 400 रु. और सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों से 600 रु. शुल्क लिया गया। यदि इनके आवेदन रद्द होते हैं तो इन्हें शुल्क के रूप में लिए गए करीब 20 करोड़ रु. डीएलबी को वापस करने चाहिए।

^नगर पालिका (सफाई कर्मचारी सेवा) नियम 2012 के तहत किसी भी संस्था का अनुभव प्रमाण-पत्र दिया जा सकता था, लेकिन अब 1 मार्च को निकली भर्ती विज्ञप्ति में संशोधन किया गया। इसके तहत वही आवेदक पात्र होंगे, जिन्होंने निकाय में सफाई का कार्य ठेके/अनुबंध पर किया हो। संशोधित विज्ञप्ति में यह भी कहा कि जो पूर्व में प्राप्त आवेदन के साथ प्रमाण-पत्र लगाए हैं, उन्हें संशोधित किया जा सकेगा। राज्य सरकार के 2013 के दिशा-निर्देशों के तहत यह प्रशासनिक निर्णय लिया है। -अशोक सिंह, पूर्व विधि निदेशक, स्वायत्त शासन विभाग

"सक्षम अधिकारियों व सफाई कार्य कर चुकी फर्मों के अनुभव को वरीयता दी जाएगी। आवेदनों की स्क्रूटनी में कोई प्रमाण पत्र फर्जी पाया तो उस फर्म व आवेदक के खिलाफ कार्रवाई होगी।" "एक बार भर्ती का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद या प्रक्रियाधीन भर्ती में नियमों में बदलाव करना न्यायसंगत नहीं है। नियम बदलने भी पड़ें तो पूर्व में निकली भर्ती को रद्द किया जाए फिर नए सिरे से भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए।"

इधर... 2024 की पात्रता शर्तों में बदलाव का मामला हाईकोर्ट पहुंचा, सुनवाई अगले सप्ताह

प्रदेश के स्थानीय निकायों में 24,797 पदों पर सफाई कर्मचारियों की भर्ती में अनुभव प्रमाण पत्र की पात्रता में भर्ती प्रक्रिया के बीच में हुए बदलाव का मामला बुधवार को हाईकोर्ट में पहुंच गया। इस मामले में उदयसिंह व अन्य अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर 15 मार्च 2024 के अनुभव प्रमाण पत्र की पात्रता शर्तों को चुनौती दी है। याचिका में प्रमुख स्वायत्त सचिव, निदेशक स्थानीय निकाय व ग्रेटर नगर निगम के कमिश्नर को पक्षकार बनाया है। याचिका पर आगामी सप्ताह में सुनवाई होगी। मामले से जुड़े अधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद शर्मा ने याचिका में कहा कि राज्य सरकार ने स्थानीय निकायों में एक मार्च 2024 के विज्ञापन के जरिए सफाई कर्मचारियों के पदों पर नियुक्ति के लिए भर्ती निकाली।

इसमें लाखों अभ्यर्थियों ने आवेदन किया, लेकिन भर्ती प्रक्रिया के दौरान ही भर्ती आयोजकों ने 15 मार्च को एक संशोधन पत्र जारी करते हुए अनुभव प्रमाण पत्र की पात्रता की शर्तों में बदलाव कर दिया। पहले 9 जून 2023 के आदेश में अनुभव प्रमाण पत्र में केन्द्र या राज्य सरकार की अर्द्ध सरकारी संस्था, प्लेसमेंट एजेंसी व संवेदक की ओर से जारी किए गए एक साल के कार्य अनुभव प्रमाण पत्र को वैध माना था। याचिका में कहा कि भर्ती प्रक्रिया के बीच में अनुभव प्रमाण पत्र में बदलाव करना मनमाना पूर्ण व गलत है। इसलिए 9 जून 2023 के अनुभव प्रमाण पत्र की पात्रता शर्तों के अनुसार ही भर्ती प्रक्रिया की जाए।