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Jaipur लौह अयस्क ब्लॉकों के कंपोजिट लाइसेंस के लिए नीलामी की हो रही तैयारी

 
Jaipur लौह अयस्क ब्लॉकों के कंपोजिट लाइसेंस के लिए नीलामी की हो रही तैयारी
जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर राजस्थान के करौली में लौह अयस्क के बड़े भण्डार पाये गये हैं। राजस्थान के करौली में हिंडौन के पास करीब 1888 हेक्टेयर क्षेत्र में लौह अयस्क ब्लॉक के कंपोजिट लाइसेंस के लिए खान विभाग ने नीलामी की तैयारी शुरू कर दी है. राजस्थान के करौली में लौह अयस्क के बड़े भण्डार पाये गये हैं। राजस्थान के करौली में हिंडौन के पास करीब 1888 हेक्टेयर क्षेत्र में लौह अयस्क ब्लॉक के कंपोजिट लाइसेंस के लिए खान विभाग ने नीलामी की तैयारी शुरू कर दी है. खान सचिव आनंदी ने बताया कि शुरुआती संकेतों के मुताबिक करौली के हिंडौन के पास खोड़ा, दादरोली, टोडूपुरा और लिलोटी में 840 मिलियन टन से ज्यादा लौह अयस्क का भंडार है. बड़े और छोटे ब्लॉकों और आरसीसी ईआरसीसी ठेकों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। लौह अयस्क के नये भंडार से राज्य में औद्योगिक विकास और रोजगार के नये अवसर भी पैदा होंगे।

खान सचिव आनंदी ने कहा कि विभाग की ओर से किये गये प्रारंभिक अन्वेषण में लौह अयस्क में मैग्नेटाइट और हेमेटाइट दोनों के संकेत मिले हैं. करौली के खोड़ा में 462.3 हेक्टेयर, दादरोली में 754.38 हेक्टेयर, टोडूपुरा में 260.71 हेक्टेयर तथा लिलोटी में 410.94 हेक्टेयर क्षेत्र में लौह अयस्क के भण्डार पाये गये हैं। एक मोटे अनुमान के अनुसार यहां 840 मिलियन टन से अधिक लौह अयस्क का भंडार है। विभाग द्वारा किये गये अन्वेषण के अनुसार यहाँ चुम्बकीय प्रकृति का मैग्नेटाइट एवं सामान्य प्रकृति का हेमेटाइट लौह अयस्क उपलब्ध है। आरएसएमईटी की ओर से नीलामी के लिए ब्लॉक तैयार कर लिए गए हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मंजूरी से कंपोजिट लाइसेंस की नीलामी का रास्ता साफ हो गया है।

कंपोजिट लाइसेंस की नीलामी से इस क्षेत्र में और अधिक अन्वेषण को बढ़ावा मिलेगा और माना जा रहा है कि आगे के अन्वेषण से इस क्षेत्र में लौह अयस्क के और अधिक भंडार मिलने की संभावना है। करौली में लौह अयस्क की खोज से आने वाले समय में राज्य में औद्योगिक निवेश को और पंख लगेंगे. स्टील और सीमेंट उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा. लौह अयस्क इस्पात उद्योग के साथ-साथ कोयला धुलाई, फेरोलॉय, फाउंड्री, सिरेमिक और सीमेंट उद्योग सहित कई उद्योगों को वर्षों तक कच्चा माल मिल सकेगा और इन उद्योगों में निवेश और राज्य में नए उद्योगों की स्थापना से रोजगार और आय के अवसर बढ़ेंगे। विकास होगा। होगा। राजस्थान में लौह अयस्क के अधिक भंडार मिलने की संभावना को देखते हुए अन्य स्थानों पर भी अन्वेषण कार्य चल रहा है, जबकि जयपुर, झुंझुनू, भीलवाड़ा, सीकर, अलवर आदि में लौह अयस्क का खनन एवं अन्वेषण कार्य चल रहा है।