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Jaipur अंग प्रत्यारोपण मामले की जांच एसआईटी करेगी, 8 सदस्यों की टीम गठित

 
Jaipur अंग प्रत्यारोपण मामले की जांच एसआईटी करेगी, 8 सदस्यों की टीम गठित
जयपुर न्यूज़ डेस्क,फर्जी एनओसी से ऑर्गन ट्रांसप्लांट मामले की जांच के लिए राज्य सरकार ने एसआईटी गठन करने के आदेश दिए थे। इस पर जयपुर कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोफस ने एसआईटी का गठन कर दिया है। ऑर्गन ट्रांसप्लांट मामले में दर्ज तीनों एफआईआर की जांच एसआईटी करेगी। एसआईटी में 8 पुलिस अधिकारी और कॉन्स्टेबल करेंगे। एसआईटी की जांच की मॉनिटरिंग जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ करेंगे।जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने बताया कि ऑर्गन ट्रांसप्लांट मामले में हर दिन नई जानकारी टीम के पास आ रही है। इस पर पुलिस टीम के द्वारा काम किया जा रहा है। इस मामले की गम्भीरता को देखते हुए एसआईटी का गठन कर दिया गया है, जिसमें जिम्मेदार पुलिस अधिकारी रहेंगे, जो  पहले दिन से इस केस पर काम भी कर रहे हैं। एसआईटी में एसीपी गांधी नगर गोपाल सिंह ढाका और एसीपी पुलिस लाइन हेमराज मूंड, 2 पुलिस निरीक्षक हवा सिंह मंगावा और भवानी सिंह, 2 एएसआई मूल सिंह और धर्मेंद्र कुमार के साथ-साथ 2 कॉन्स्टेबल चैन सिंह और सुभाष चंद्र रहेंगे। इस केस की मॉनिटरिंग जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ करेंगे।

डॉक्टर से पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे

ऑर्गन ट्रांसप्लांट मामले में गिरफ्तार फोर्टिस हॉस्पिटल के दो डॉक्टर जितेन्द्र गोस्वामी और संदीप गुप्ता को पुलिस ने रविवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से दोनों को 15 मई तक पुलिस रिमांड पर भेजा था। गिरफ्तार डॉक्टर जितेंद्र गोस्वामी से हुई पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। सामने आया है कि जितेंद्र गोस्वामी SMS अस्पताल के एएओ गौरव सिंह से डायरेक्ट संपर्क में था। जब तक वह मणिपाल हॉस्पिटल में रहा, उसने वहां पर कई ट्रांसप्लांट किए थे। आरोपी ने जब फोर्टिस अस्पताल जॉइन किया तो भी गौरव के संपर्क में रहा और हॉस्पिटल के कई स्टाफ को अपने साथ मिला चुका था। जानकार सूत्रों की माने तो पुलिस जल्द ही फोर्टिस, ईएचसीसी और मणिपाल हॉस्पिटल प्रशासन को पूछताछ के लिए बुला सकता है।

फोर्टिस हॉस्पिटल के निर्सिंग स्टाफ भानू से मिली पुलिस को लीड

पुलिस ने मामले में 10 मई को फोर्टिस हॉस्पिटल के नर्सिंग स्टाफ भानू लववंशी उर्फ भानू प्रताप को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में आरोपी भानू ने बताया कि कौन-कौन डॉक्टर इस पूरे खेल में लगे हुए हैं। इस पर उनकी भूमिका में जांच की गई तो इस बात की पुष्टि हुई कि इन डॉक्टरों ने कई ऑपरेशन किए थे।

क्या है पूरा मामला

दरअसल, एसीबी ने एसएमएस हॉस्पिटल में 31 मार्च सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह और ईएचसीसी हॉस्पिटल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट को-ऑर्डिनेटर अनिल जोशी को लेनदेन करते रंगे हाथों पकड़ा था। टीम ने मौके से 70 हजार रुपए और 3 फर्जी एनओसी भी जब्त किए थे। कार्रवाई के बाद एसीबी ने आरोपियों के घर और अन्य ठिकानों पर भी सर्च किया था। इनकी गिरफ्तारी से खुलासा हुआ था कि फोर्टिस हॉस्पिटल का को-ऑडिनेटर विनोद सिंह भी कुछ समय पहले पैसा देकर फर्जी सर्टिफिकेट लेकर गया था। एसीबी ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया था। बाद में जयपुर पुलिस ने इस केस में जांच शुरू कर दी थी। पुलिस इस मामले में फरार चल रहे मैड सफर के अन्य डायरेक्टर राज कमल व दलाल मोहम्मद मुर्तजा अंसारी को पकड़ने के लिए जयपुर पुलिस पश्चिम बंगाल के अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।