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Jaipur एनओसी दलालों की तत्काल सेवा के नाम पर फ्री काम के लिए चार्ज किए 1.5 लाख रुपए

 
Jaipur एनओसी दलालों की तत्काल सेवा के नाम पर फ्री काम के लिए चार्ज किए 1.5 लाख रुपए
जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर अंग प्रत्यारोपण को लेकर निजी अस्पतालों को फर्जी एनओसी देने के मामले में एसीबी ने मंगलवार को फोर्टिस अस्पताल की तलाशी ली और प्रत्यारोपण से जुड़ी 20 फाइलें जब्त कर लीं. इससे पहले सोमवार रात ईएचसीसी हॉस्पिटल से 15 फाइलें जब्त की गई थीं. एसीबी के डीआइजी डॉ. रवि ने बताया कि एसएमएस अस्पताल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह के फर्जी हस्ताक्षरों से जारी की गई 75 पूर्ण एनओसी में से 40 प्रतिशत से अधिक में दानकर्ता और प्राप्तकर्ता विदेशी (नेपाल, बांग्लादेश और कंबोडिया) हैं. पकड़े गए दोनों अस्पतालों के दलाल तत्काल सेवा के नाम पर उनसे एक से डेढ़ लाख रुपये वसूलते थे और फर्जी एनओसी के बदले गौरव को 30 से 50 हजार रुपये देते थे. गौरतलब है कि अंग प्रत्यारोपण के लिए फर्जी एनओसी देने के मामले में एसीबी ने रविवार देर रात मानसरोवर इलाके में छापा मारकर एसएमएस अस्पताल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह और ईएचसीसी अस्पताल के समन्वयक अनिल जोशी को लेनदेन करते हुए रंगे हाथों पकड़ा था. .

ऑर्गन ट्रांसप्लांट एनओसी के लिए अब नई एसओपी; प्रमाणपत्र ऑनलाइन जारी किया जाएगा

अंग प्रत्यारोपण के लिए आवश्यक एनओसी प्राप्त करने के लिए निजी अस्पतालों के लिए एक नई एसओपी बनाई जाएगी। फर्जी एनओसी का खुलासा होने के बाद अस्पताल प्रशासन पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन करेगा। निजी अस्पताल अंग प्रत्यारोपण के लिए केवल ऑनलाइन आवेदन करेंगे और समिति पूरी सत्यापन प्रक्रिया के बाद ऑनलाइन ही एनओसी जारी करेगी। एसएमएस मेडिकल कॉलेज में प्राचार्य डॉ. राजीव बगरहट्टा की अध्यक्षता में बैठक हुई। बागरहट्टा ने कहा कि जिस अस्पताल में प्रत्यारोपण होना है, वहां का प्रशासन मरीज और दाता दोनों के आवेदन ऑनलाइन भेजेगा, ताकि हमें पता चल सके कि अंग प्रत्यारोपण किस अस्पताल में हो रहा है. एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा ने बताया कि ट्रांसप्लांट के लिए एनओसी जल्दी देने और पारदर्शिता के लिए प्रक्रिया को भी सरल बनाया जाएगा.

EHCC-फोर्टिस से बरामद 35 फाइलों की जांच करेगी ACB, सही NOC को देगी क्लीन चिट...ताकि हो सके ट्रांसप्लांट

अब एसीबी ईएचसीसी-फोर्टिस से जब्त 35 फाइलों की जांच कर रही है. सही एनओसी देने वालों को क्लीन चिट दे दी जाएगी, ताकि जरूरतमंदों का ट्रांसप्लांट न रुके। एसीबी की जांच में पता चला कि गौरव सिंह ने प्रदेश में बड़ी संख्या में अस्पतालों को फर्जी एनओसी दी थी. गौरव सिंह के एसएमएस ऑफिस के रिकॉर्ड की जांच की जा रही है. इसके बाद अन्य अस्पतालों की जांच की जाएगी। एसीबी के डीआइजी ने बताया कि 1 जनवरी 2021 से अब तक करीब 1 हजार अंग प्रत्यारोपण के इनपुट मिले हैं. अब सभी जगह से रिकार्ड जुटाया जा रहा है कि कितने मामले फर्जी हैं। एसीबी जांच में पुष्टि- 3 साल में 1000 से ज्यादा एनओसी बांटी, सरकारी रिकॉर्ड में सिर्फ 110 ट्रांसप्लांट, 900 मामलों में क्या हुआ?