Aapka Rajasthan

जयपुर नगर निगम हेरिटेज के शहर को हराभरा बनाने के दावों की खुली पोल, वीडियो में देखें पूरी खबर

जयपुर को हरा-भरा बनाने के लिए नगर निगम हेरिटेज द्वारा 6 लाख पौधे वितरित करने के साथ ही शहर के 250 गार्डन को जापान की तर्ज पर विकसित करने की तैयारी की जा रही है। वहीं, नगर निगम मुख्यालय के गार्डन के हालात ही बद से बदतर स्थिति में पहुंच चुके हैं.......
 
DSA

राजस्थान न्यूज़ डेस्क !!! जयपुर को हरा-भरा बनाने के लिए नगर निगम हेरिटेज द्वारा 6 लाख पौधे वितरित करने के साथ ही शहर के 250 गार्डन को जापान की तर्ज पर विकसित करने की तैयारी की जा रही है। वहीं, नगर निगम मुख्यालय के गार्डन के हालात ही बद से बदतर स्थिति में पहुंच चुके हैं। जलेबी चौक स्थित नगर निगम मुख्यालय के गार्डन में ही टूटी दीवार, उजड़ी हुई घास और नंगे बिजली के तार सरकारी सिस्टम की पोल खोल रहे हैं। मुख्यालय में बने ही एक गार्डन की हालत इतनी बिगड़ चुकी है कि वहां बैठना तो दूर उसके पास से गुजरने में भी आम जनता को डर लगने लगा है। दरअसल, नगर निगम मुख्यालय में तीन गार्डन बनाये गये हैं. जहां आम जनता एवं कर्मचारी खाली समय में बैठकर आराम कर सकेंगे। लेकिन मुख्यालय में बने एक गार्डन की हालत इतनी खराब हो गयी है कि आम जनता वहां बैठने या उसके पास से गुजरने से भी डरती है.


यहां दीवारें जर्जर, बिजली के खंभों पर नंगे तार

जलेबी चौक निवासी मनीष शर्मा ने बताया कि नगर निगम में रोजमर्रा के काम के सिलसिले में आना-जाना लगा रहता है। इस भीषण गर्मी में बैठने के लिए जहां आज इंसान छांव की तलाश करता है। वहीं नगर निगम के इस डरावने गार्डन में खड़े होने पर डर लगता है. क्योंकि हरी घास की जगह गंदगी और पत्थर, बिजली के खंभों पर लगे नंगे तार और जर्जर दीवारें इसे किसी बगीचे की बजाय किसी डरावनी फिल्म की लोकेशन जैसा बनाती हैं। वरिष्ठ नगर पार्षद उमर दराज ने कहा कि एक और नगर निगम शहर को हरा-भरा बनाने का दावा कर रहा है. दूसरी ओर निगम मुख्यालय में ही इस तरह की स्थिति उद्यान शाखा के कर्मचारियों की हकीकत बयां करती है. ऐसे में जनता को सलाह देने से पहले नगर निगम को खुद में सुधार करना चाहिए. क्योंकि जिनके घर शीशे के बने होते हैं. वह दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं फेंकते.

नगर निगम उद्यान शाखा उपायुक्त सरोज ढाका ने बताया कि उद्यान का रखरखाव काफी समय से चल रहा है। मुझे नहीं पता कि लोग वहां कब और क्यों मिट्टी-पत्थर डालते हैं, हम इसे ठीक करेंगे।' वहीं टूटे हुए लाइट पोल और खुले बिजली के तारों को ठीक करने का काम उद्यान शाखा का नहीं बल्कि बिजली शाखा का है. इस बारे में ज्यादा जानकारी वही लोग दे पाएंगे. आपको बता दें कि नगर निगम हेरिटेज की ओर से शहर के 250 से ज्यादा उद्यानों के रखरखाव के लिए हर साल करोड़ों रुपए के टेंडर किए जाते हैं. लेकिन ज़मीन पर मौजूद इनमें से ज़्यादातर बगीचे बेहद ख़राब हालत में हैं. 90 फीसदी से ज्यादा बगीचों में फव्वारे नहीं चल रहे हैं. वही घास और पेड़ भी नष्ट हो गए हैं. जिसकी सही ढंग से निगरानी भी नहीं की जा रही है.