जयपुर, गो सेवा में टीम बनाकर जुटे युवा, 250 से ज्यादा गोवंश की कर रहे देखभाल
जयपुर न्यूज़ डेस्क , मन में कुछ करने की ललक हो एवं सेवा समर्पण के साथ लक्ष्य प्राप्ति के लिए प्रतिबद्धता हो, तो कठिन से कठिन कार्य को भी आसान किया जा सकता है। युवाओं में गौ सेवा के प्रति अनुकरणीय पहल क्षेत्र में गायों के लिए वरदान साबित हो रही है। कस्बे में भोरंगी गोशाला इसकी मिसाल बन गई है। राजगढ़ कस्बे के माचाड़ी मार्ग पर भोरंगी गोशाला वर्ष 2016 से संचालित है। यहां युवाओं की टीम सेवा के लिए वर्ष 2019 में क्रियाशील हुई। कस्बे के उदय रेबारी, प्रशांत शर्मा, रिंकू सैनी, भावेश मित्तल, विवेक दीक्षित एवं धीरू रेबारी सहित अन्य युवाओं की ओर से गोविंद भगवान की अध्यक्षता में गोवंश की सेवा का संकल्प लिया गया।
युवाओं की प्रेरणा एवं अनुकरणीय सेवा भाव के चलते लोगों का जुड़ाव बढ़ता गया। वर्तमान में करीब ढाई सौ युवा, व्यापारी व समाजसेवी लोगों के साथ अनेक आश्रमों का सहयोग निरंतर मिल रहा है। 10 से 20 व्यक्ति प्रतिदिन गौशाला में सेवा एवं दाना पानी सहित अन्य गतिविधियों में अपना सहयोग दे रहे हैं। शिक्षित एवं सेवा भाव के साथ नौकरी पेशा युवक भी गो सेवा में बढ़-चढ़कर सहयोग कर रहे हैं। लॉकडाउन एवं लंपी रोग युवा गौ सेवकों ने गौशाला से बाहर की गायों का उपचार किया। इसके चलते उपखंड प्रशासन ने भी संचालकों को सम्मान किया।
लोगों के सहयोग से चल रही गौशाला में पिछले तीन माह से अनुदान मिलने लगा है। करीब 250 गोवंश विद्यमान है जिसकी सेवा एवं चारे पानी के प्रबंध के लिए पुख्ता इंतजाम है। प्रशांत शर्मा एवं विवेक दीक्षित का कहना है कि गौ सेवा से आत्म संतुष्टि, शांति के साथ मन को संतोष एवं सुकून मिलता है। उन्होंने बताया कि गोवंश सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है। गौशाला में युवाओं ने अपने बलबूते भारी संख्या में पौधारोपण कर पौधों को पल्लवित किया। गौशाला में पक्षी के लिए दाने-पानी के लिए पृथ्वीपुरा एवं पलवा से कल्ला जी महाराज एवं अवधूत दत्ता आश्रम सहित अनेक आश्रम से प्रतिमाह चुग्गा आता है। युवा प्रशांत शर्मा ने बताया कि गोशाला से जुड़े युवा कहीं पर भी बीमार एवं घायल गोवंश कि सूचना मिलते ही अपने संसाधन से गोवंश क़ो लाकर उपचार करते हैं।